22 October 2015

नेरी-कोठी, लांगना, चुल्ला, सांढा, ऊटपुर व घटोड के लोगों के लिए बड़ी खबर, हो जाएं सावधान

लडभड़ोल :पहाड़ों पर बर्फ पिघलने के कारण ब्यास नदी के जलस्तर में इजाफा हो गया है। ब्यास नदी पर बने दो प्रमुख बांधों के जलस्तर में भी इजाफा होने के कारण यहां से पानी छोड़ दिया गया है। सोमवार सुबह करीब साढ़े 6 बजे लारजी और पंडोह डैम से ब्यास में पानी छोड़ा गया। बीबीएमबी प्रबंधन ने कुछ समय पहले ही इसकी चेतावनी जारी कर दी थी। इसी के तहत सुबह जब डैम में जलस्तर अधिक पाया गया तो डैम के गेट खोलकर नदी में पानी छोड़ दिया गया।

ब्यास नदी के ऊपरी क्षेत्रों में मौसम में परिवर्तन व चोटियों पर बर्फ पिघलने से नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने पर बीबीएमबी व जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। प्री- मानसून में भारी बारिश के कारण बांध के जलस्तर में पानी की बढ़ोतरी हुई है।

लारजी डैम से पानी छोड़ने के कारण पंडोह डैम का जलस्तर बढ़ गया था जिस कारण पानी छोड़ना पड़ा है। जब तक वॉटर लेबल सामान्य नहीं होगा यह पानी छोड़ने की प्रक्रिया जारी रहेगी। जलस्तर निरंतर बढ़ने के कारण लारजी डैम से 6800 क्यूसिक पानी को छोड़ा गया है।

प्रशासन ने ब्यास नदी के आसपास निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों व पर्यटकों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी। लडभड़ोल क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तटवर्ती क्षेत्रों जैसे नेरी-कोठी, लांगना, चुल्ला, साँढापट्टन, ऊटपुर, घटोड व अन्य ब्यास नदी के तटवर्ती गांव के लोगों को नदी से दूर रहने की सलाह दी गई है। नदी के किनारे जाने से खुद भी बचे व अपने बच्चों तथा जानवरों आदि को भी न जाने दे। सचेत रहें और एहतियात बरतें।

बता दें कि लारजी और पंडोह डैम के तेज बहाव में आज दिन तक कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और इन हादसों से सबक लेते हुए डैम प्रबंधन समय से पहले ही चेतावनी जारी कर देता है ताकि हादसों को रोका जा सके।





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