22 October 2015

49 की उम्र भी एक युवा जैसा जज्बा, 10वीं बार नेशनल खेलों में ले रहे भाग, मिलिए संतोष जसवाल से

लडभड़ोल : आज हर कोई प्रतिभा का धनी है लेकिन अपनी प्रतिभा के दम पर अपना सपना साकार करना सिर्फ कुछ लोगों का काम है। विभिन्न क्षेत्रों या पेशों में ऐसे ही कुछ लोग हैं जिन्होंने अपनी प्रतिभा से मील का पत्थर स्थापित किया और लोगों की वाहवाही लूटी। दूसरी तरफ उन्होंने देश व अपने प्रदेश को गौरवान्वित होने का अवसर भी दिया। आज हम आपको लडभड़ोल क्षेत्र की एक ऐसी ही प्रतिभा से मिलवाने जा रहे हैं जिन्हें आप जानते होंगे या उनके बारे में कहीं न कहीं सुना होगा लेकिन वह किस वजह से अपने क्षेत्र में अव्वल रहे यह कम लोगों को ही पता होगा।

युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत है संतोष जसवाल
नाम संतोष जसवाल उम्र 49 वर्ष। इस उम्र में बैडमिंटन का ऐसा जज्बा जो युवाओं को भी सोचने पर मजबूर कर रहा है और युवाओं के लिए प्ररेणा स्त्रोत बनकर उनको आगे बढऩे के लिए प्रेरित कर रहा है। लडभड़ोल क्षेत्र के सिमस गांव निवासी संतोष जसवाल डाक विभाग द्वारा आयोजित होने वाली बैडमिंटन की राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में 10वीं बार भाग ले रहे है। किसी भी खिलाडी द्वारा लगातार 10 साल तक राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करना इस बात की याद दिलाता है की यदि इंसान का हौंसला हो तो वह उम्र के किसी भी पड़ाव में बड़े से बड़े पायदान को प्राप्त कर सकता है।

10वीं बार खेल रहे राष्ट्रीय खेलें
संतोष जसवाल 49 की उम्र भी एक युवा के जैसा जज्बा रखते हैं। इसी जज्बे और इच्छाशक्ति के चलते वह 10वीं बार अखिल भारतीय डाक बैडमिंटन प्रतियोगिता खेलने के लिए हरयाणा के अम्बाला पहुंचे है जहाँ वह 11 से 15 फरवरी तक होने वाली इस प्रतियोगिता में एक बार फिर से हिमाचल प्रदेश डाक विभाग का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनके साथ हिमाचल प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के खिलाडी विकास सूद, राकेश वर्मा, शांति स्वरूप, आशुतोष ठाकुर भी इसमें भाग लेंगे। हिमाचल प्रदेश की इस टीम में जिला मंडी से वह अकेले खिलाडी है।

बना रखा है खुद का कोर्ट
संतोष जसवाल की बैडमिंटन के प्रति उनकी दीवानगी इस कदर है की उन्होंने सिमस में बस स्टैंड के पास बैडमिंटन कोर्ट बना रखा है।अगर आप सिमसा माता गए है तो आपने यह जरूर देखा होगा। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ऊटपुर से स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद शिमला के इवनिंग कॉलेज से उन्होंने स्नातक की पढाई की है। इसके बाद वर्ष 2000 में उन्होंने डाक विभाग में अपनी सेवाएं शुरू की है। उम्र के जिस पड़ाव में अक्सर लोग हौंसला छोड़ जाते है उस उम्र में संतोष जसवाल नए आयाम स्थापित कर रहे है।

युवाओं के लिए मिशाल है संतोष जसवाल
अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए उनके पुत्र कार्तिक जसवाल ने भी इस साल अंडर 19 स्कूली खेलों में राज्यस्तरीय खेलों में मंडी जिला का प्रतिनिधित्व किया है। संतोष जसवाल ने साबित किया है की उम्र को मात दे कर किस तरह हौसलों का शिखर पार किया जाता है। उनकी जगह कोई और होता तो आसानी से हार मान जाता और उम्र का हवाला दे कर घर बैठ जाता लेकिन जिसे कुछ करने की बेचैनी और जनून होता है वह हार नहीं मानता बल्कि औरों के लिए मिसाल बन जाता है।

ग्रामीणों ने भेजी शुभकामनाएं
सिमस पंचायत की प्रधान तारा देवी, उप-प्रधान गौरी कैलाश, युवक मंडल सिमस व जिला मंडी जनकल्याण सभा दिल्ली तथा सिमस गांव के सभी लोगों ने इन खेलों के लिए उनको बधाई देकर उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

देखें उनकी कुछ तस्वीरें








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