22 October 2015

तुलाह में चिताओं की अस्थियां व धूल मिले हुए पेयजल की हो रही आपूर्ति, जोगेंद्रनगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज़

लडभड़ोल : पानी ही जीवन है। अगर पानी न मिले तो जीवन कैसे सम्भव नहीं है और अगर पानी मिले और वो साफ़ न हो तो कैसे पिया जा सकता है। दरअसल लडभड़ोल क्षेत्र की तुलाह पंचायत के लोग दूषित जल पीने को मजबूर हो रहे हैंं। तुलाह पंचायत के पूर्व प्रधान व अधिवक्ता रंजीत चौहान ने आईपीएच विभाग पर लोगों को दूषित पानी पिलाने का आरोप लगाया है। उन्होने जोगेंद्रनगर पुलिस थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज़ करवाई है जिसमे उन्होंने आईपीएच विभाग के अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता पर आपराधिक मामला दर्ज करके कार्यवाही की मांग की है।


पूर्व प्रधान व अधिवक्ता रंजीत चौहान ने आरोप लगाया कि तुलाह के नीचे ब्यास नदी के किनारे जहां से पीने का पानी सप्लाई कर रहा है, उस जगह पर श्मशानघाट है। इस श्मशानघाट में आये दिन चिताएं जलाई जाती है। इससे चिताओं की अस्थियां, राख और धुल भी इसी पानी में घुल जाती है। ऐसा करने से न केवल स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। आईपीएच विभाग की इस लापरवाही से पीलिया जैसी जानलेवा बीमारी के फैलने का भी डर है।


अपनी इस लिखित शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया की तुलाह-रक्तल उठाउ पेयजल योजना नियमित न होने के कारण पानी की सप्लाई फिल्टर किये बिना ही जा रही है। श्मशानघाट के नजदीक विभाग ने पानी भी ऐसे स्थान से उठाया है जहाँ पानी खड़ा रहता है और शवों से निकलने वाले धूल के अवशेष हमेशा वहीं पर तैरते रहते है। जिससे पानी में सड़न पैदा हो जाती है।


बताया जा रहा है की पंचायत के 3500 लोगों के लिए पानी की आपूर्ति करने के लिए बनाई गयी तुलाह- रक्तल पेयजल योजना के फ़िल्टर टैंक पिछले 15 वर्षों से ठप्प पड़े है। यह एक बार भी प्रयोग नहीं किये गए है। फ़िल्टर टैंक के निर्माण में महाघोटाला हुआ तथा टेंको में फ़िल्टर प्रक्रिया के लिए क्रेशर रेट की जगह ब्यास की सिल्ट डाल दी गयी जिससे टैंक पूरी तरह फेल होकर रह गए। थाना प्रभारी संजीव शर्मा ने कहा की शिकायत आयी है और अब जाँच की जाएगी।


वहीं लडभड़ोल आईपीएच विभाग के सहायक अभियंता धर्मचंद रावत ने इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा की पानी तो ब्यास से ही उठाया जाता है लेकिन फ़िल्टर करने के बाद ही इस सप्लाई आगे की जाती है। ऐसे में पानी के दूषित होने का सवाल ही पैदा नहीं होता। लगाए गए आरोप निराधार है।





loading...
Post a Comment Using Facebook