22 October 2015

विशुद्धा पब्लिक स्कूल का हुआ अधिग्रहण, अब लडभड़ोल में मिलेगी "Quality Education"

लडभड़ोल : लडभड़ोल के चुनिंदा निजी स्कूलों में शुमार विशुद्धा स्कूल का अधिग्रहण हो गया है। लडभड़ोल के साथ लगते सीयून-भराड़पट्ट सड़क पर स्थित इस स्कूल में अब अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस गुणवव्ता की शिक्षा प्रदान की जाएगी। प्रकृति की गोद में स्थित इस स्कूल की कायापलट होने से लडभड़ोल क्षेत्र से शिक्षा के नाम पर बैजनाथ व पालमपुर में हो रहे पलायन के दंश से लोगों को छुटकारा मिल सकता है।

इन्होंने किया अधिग्रहण
दरअसल लडभड़ोल तहसील के कोलंग पंचायत के गांव सरहून भरगाईं निवासी बलवंत ठाकुर पुत्र स्वर्गीय कैप्टन बहादुर सिंह ठाकुर ने विशुद्धा पब्लिक हाई स्कूल का अधिग्रहण किया है। बलवंत ठाकुर अब विशुद्धा स्कूल के नए डयरेक्टर भी है। उन्होंने बताया की लगभग 2 महीने पहले स्कूल के पूर्व डारेक्टर पालमपुर निवासी विनय शर्मा से यह डील फाइनल हो गयी थी और अब वह पिछले दो महीनों से स्कूल संभाल रहे है। लडभड़ोल.कॉम से बात करते हुए बलवंत ठाकुर ने खुलासा किया आखिर क्यों वह यह कदम उठाने को मज़बूर हुए।

इसलिए उठाया यह कदम
विशुद्धा पब्लिक स्कूल के नए डयरेक्टर बलवंत ठाकुर ने कहा की हमारे क्षेत्र से शिक्षा के नाम पर लोग बैजनाथ तथा पालमपुर की तरफ पलायन कर रहे है। गुणवत्ता की शिक्षा की दरकार ने यहां के लोगों को अपनी जड़ें छोडऩे के लिए मजबूर किया है। लडभड़ोल क्षेत्र में पलायन अब इस हद तक पहुंच गया है कि यहां के गांव के बुजुर्ग तेजी से अकेले होते जा रहे हैं क्योंकि उनके बच्चे अपने बच्चों की शिक्षा के लिए शहरों का रुख कर रहे है। इसी पलायन को रोकने के लिए ही मैंने यह कदम उठाया ताकि हमारे लडभड़ोल में भी पालमपुर तथा बैजनाथ की तरह आधुनिक शिक्षा हमारे बच्चों को मिले ताकि पलायन बंद हो सके।

"शिक्षा व स्कूल की बदलेंगे दशा व दिशा"
उन्होंने कहा की स्कूल की कमान सँभालते ही वह बच्चों को बेहतर शिक्षा व्यवस्था करने लिए जुट गए है। फ़िलहाल स्कूल का नाम नहीं बदला जायेगा तथा कुछ ही दिनों में अत्याधुनक शिक्षा के लिए जरूरी चीजें मुहैया करवा दी जाएंगी। स्कूल व शिक्षा की दशा व दिशा बदली जा रही है। अब स्कूल में छोटी कक्षा के बच्चों का विशेष ख्याल रखा जायेगा। बच्चों को स्वछ पानी उपलब्ध करने के लिए एक्वागार्ड स्थापित किया जाएगा। अब स्कूल की मुख्य उद्देश्य गुणवव्ता की शिक्षा प्रदान रहेगा। खेलों के महत्व को ध्यान में रखते हुए स्कूल में खेल मैदान के विस्तार का काम शुरू हो चुका है।

बलवंत ठाकुर ने आगे बताया की विशुद्धा स्कूल में छात्रों को ईमानदारी और एकता का पाठ पढ़ाया जायेगा। बच्चों को अंग्रेजी विषय में शिक्षा प्रदान की जाएगी ताकि प्रतियोगिता के दौर में खुद को साबित कर सके। छात्रों को आडिओ, वीडियो तथा स्मार्ट तकनीकी से शिक्षा दी जाएगी। छात्रों को कुछ इस तरह से शिक्षित किया जायेगा ताकि उन्हें अतिरिक्त ट्यूशन की जरूरत न पड़े। बच्चों के लिए लाइब्रेरी तथा रीडिंग रूम की व्यवस्था की जाएगी। स्कूल में बास्केट बॉल, स्केट्स, वॉलीबाल, फुटबॉल, खो-खो तथा कब्बडी आदि में प्रशिक्षित किया जायेगा।



वर्तमान में प्राथमिकता के आधार पर शुरू हुए यह कार्य :


●स्कूल व शिक्षा की बदली जाएगी दशा व दिशा।

●शिक्षा का स्तर यह होगा कि बिल्कुल भी ट्यूशन की आवश्यकता न हो। और ट्यूशन नाम की बीमारी को खत्म करना ।

● अनुसाशन, शिष्टता, स्कॉउट एंड गाइड को विशेष रूप से बढ़ावा दिया जाएगा जिससे योग्य व अनुशाषित विद्यार्थी बना सके।

● 1 वर्ष के भीतर इस स्तर में पहुंचाया जाएगा कि शिक्षा में पालमपुर व बैजनाथ के विद्यार्थियों को प्रतिद्वन्दता / मुकाबला कर सकें।

● ऑडियो, वीडियो व स्मार्ट तकनीकी से शिक्षा दी जाएगी।

अब रुकेगा पलायन
लडभड़ोल क्षेत्र में इस तरह के शिक्षा में बदलाव के बाद एक बार फिर से लोगों के चेहरे पर उम्मीद की नई रंगत दिखेगी तथा कम से कम शिक्षा के नाम पर हो रहे पलायन पर कुछ हद तक अंकुश जरूर लगेगा। हालांकि पहले यह माना जाता था कि मीलों पैदल दूरी तय करने वाले ग्रामीण सड़क नहीं होने के चलते पलायन करने के लिए मजबूर हैं, लेकिन हालात अब धीरे-धीरे बदल रहें हैं। अब जिन भी गांवों में सड़क की सहूलियत हो रही है, वह पहले खाली हो रहें हैं। ग्रामीणों की यदि मानें तो बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा लिए ही वह शहरों की ओर भागने के लिए मजबूर हो रहें है।

अच्छी शिक्षा है समय की जरुरत
लिहाजा यह बात अब नेताओं को भी समझ लेनी चाहिए कि अब सिर्फ गावों तक सड़क पहुंचाने से पलायन नहीं रुकने वाला। बल्कि जब तक अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य की गांवों में व्यवस्था नहीं होगी तब तक पलायन रोकने की कोशिशें कामयाब नहीं होने वाली।

वास्तव में आज जरूरत है पहाड़ से खाली होते गांवों को बचाने के लिए जमीनी स्तर पर बलवंत ठाकुर जैसे सुविधाएं प्रदान करने की। ताकि सुविधाओं की तलाश में ग्रामीण अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर न हो। बलवंत ठाकुर का कहना है की लडभड़ोल क्षेत्र का निवासी होने के कारण वह लोगों के दर्द से वाकिफ है। इसलिए शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए उन्होंने कदम उठाया है। ट्यूशन रहित शिक्षा प्रदान करना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता रहेगी।





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