लडभड़ोल : सामरिक और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण पठानकोट-मंडी फोरलेन के लिए तीन फ्लाईओवर और दो रेलवे ओवरब्रिज बनेंगे। इसके अतिरिक्त इस फोरलेन में तीन टनल और आठ बाइपास बनेंगे जिससे पठनकोट से मंडी की दूरी लगभग 48 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर लगभग आठ हजार करोड़ रूपए खर्च होंगे।
शीतला माता मंदिर के समीप (लडभड़ोल सड़क ) से निकलेगा फोरलेन
इस प्रोजेक्ट में परौर से लेकर चौंतड़ा के बीच 33 किलोमीटर का नया बाइपास रेल ट्रैक के साथ बनेगा। राधास्वामी केंद्र के नजदीक परौर रेलवे ब्रिज से यह बाइपास दैहण से होते हुए पंचरुखी में निकलेगा और फिर बैजनाथ से 1 किलोमीटर दूर शीतला माता मंदिर के समीप (लडभड़ोल सड़क ) से गुजरते हुए सीधा चौंतड़ा के बजगर पुल के पास सड़क पर मिलेगा।
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ठाकुरद्वारा से जोगिंदरनगर तक सभी मुख्य शहर बाहर
इस प्रोजेक्ट की खास बात यह है की विस्थापन को कम से कम करने के लिए ठाकुरद्वारा, मारंडा, कालू दी हट्टी, पालमपुर, बैजनाथ, ऐहजू तथा चौंतड़ा सहित एनएच पर स्थित सभी शहरों को फोरलेन सड़क से बाहर कर दिया गया है। प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि हर शहर और बड़े संस्थान के लिए फोरलेन से लिंक रोड निकाले गए हैं। इसकी अधिकतम दूरी दो किलोमीटरसे ज्यादा नहीं है।
डीपीआर फाइनल
मंडी-पठानकोट फोरलने प्रोजेक्ट की डीपीआर बना रही फीडबैक ज्वाइंट बैंचर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर कास्टा कंपनी द्वारा अपनी डीपीआर नेशनल हाई-वे अथॉरिटी आफ इंडिया को सौंप दी गयी है। अब इस डीपीआर आधार पर नेशनल हाई-वे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने डीपीआर की प्रेजेंटेशन राज्य सरकार को सौंप दी है।
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कम हो जाएगी दूरी
इस डीपीआर के अनुसार पठानकोट से मंडी की दूरी 219 किलोमीटर से घटकर अब सिर्फ 171 कलोमीटर ही रह जाएगी। इसके तहत मटौर से पठानकोट का 88 किलोमीटर लम्बा सफर 80 किलोमीटर रह जाएगा। इसी तरह मटौर से मंडी के बीच 131 किलोमीटर की दूरी भी 41 किलोमीटर घटकर सिर्फ 90 किलोमीटर की ही रह जाएगी। इस फोरलेन के निर्माण के बाद बैजनाथ से मंडी का सफर एक से डेढ़ घंटे के बीच तय किया जा सकता है।
नहीं होगा लोगों का विस्थापन
परौर से चौंतड़ा तक 33 किलोमीटर का नया बाइपास बनाया जायेगा और रेलवे पट्टी के साथ पंचरूखी से जुड़ेगा। नई डीपीआर के चलते अब परौर, ठाकुरद्वारा, मारंडा, पालमपुर, बनूरी, पपरोला, बैजनाथ, ऐहजू और चौंतड़ा आदि मुख्य शहर अब फोरलेन की जद से बाहर हो गए हैं जिससे अब लोगों का विस्थापन नहीं होगा।
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जोगिंदरनगर के बाहर बनेगा 3600 मीटर का बाईपास
खास बात यह है की ट्रैफिक जाम के लिए बदनाम जोगिंद्रनगर का मुख्य शहर भी फोरलेन की जद से बाहर रखा गया है। जोगिंद्रनगर शहर के बाहर की तरफ से 3600 मीटर लंबा एक नया बाइपास बनेगा। शहर के दोनों तरफ डेढ़ किलोमीटर बाइपास की लाइन होगी। चौंतड़ा-ऐहजू के बीच रेलवे लाइन को क्रॉस करने के लिए भी नया ओवरब्रिज बनेगा।
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