22 October 2015

तिनका-तिनका जोड़कर अपने लिए "आशियाना" बनाया, लेकिन एक पल में खत्म हुआ सब कुछ

लडभड़ोल : अपना घर बनाना हर व्यक्ति का सपना होता है। इसके लिए वह रात-दिन मेहनत कर पैसे जोड़ता है ताकि वह अपने परिवार के लिए घर बना सके और उस घर में सुख चैन से रह सके। लेकिन सोचिये अगर कोई प्राकृतिक आपदा उम्र भर की मेहनत से बनाये आशियाने को एक पल में किसी से छीन ले तो..?

खडिहार गांव में समाने आया मामला
ऐसा ही एक मामला लडभड़ोल तहसील के खडिहार गांव से हमारे सामने आया है। यहाँ एक निवासी है रूमिया राम, जिन्होंने तिनका-तिनका जोड़कर अपने लिए आशियाना बनाया, पूरी जिंदगी की कमाई जुटाकर अपना आशियाना बनाने में लगा दी। लेकिन इस बार क्षेत्र में हुई भारी बारिश ने उनके घर पर ऐसा कहर बरपाया की घर को रहने लायक ही नहीं छोड़ा।

रातों रात खाली करना पड़ा था मकान
पिछले 2 महीनों से क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के कारण रूमिया राम के दो कमरों के मकान पर हल्की-हल्की दरारें पड़ना शुरू हो गयी थी। लेकिन एक दिन हुई भारी बारिश ने सब कुछ बदल कर रख दिया। तेज़ बारिश के कारण घर के नीचे से पहाड़ी खिसकना शुरू हो गयी और घर की दरारें इतनी ज्यादा बढ़ गयी की घर को रातों रात खाली करना पड़ा। अपनी आंखों के सामने अपने आशियाने को इस तरह बिखरता देखकर रूमिया राम और उसके परिवार के सभी सदस्यों की आँखे नम हो गईं।

दूसरों के घर में रह रहा पीड़ित का परिवार
रूमिया राम लोक निर्माण विभाग में कार्यरत है उन्होंने जीवन भर की पूंजी एकत्रिक कर अपने लिए घर बनाया था, लेकिन भारी बारिश के चलते पल भर में सबकुछ तबाह हो गया है। घर को खाली कर दिया गया है। दरारें इतनी बढ़ चुकी है की अब उस घर के अंदर दाखिल होना भी जान जोखिम में डालने से कम नहीं है। यह कभी भी धराशायी हो सकता है। अब रूमिया राम अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ अपने चाचा के घर पर रह रहें है।

बेघर है परिवार
लडभड़ोल.कॉम से बात करते हुए रूमिया राम ने कहा कि अब न जाने उनका आशियाना कब बनकर तैयार होगा। पूरी उम्र कमाई कर बनाया गया मकान पल भर में रहने लायक नहीं रहा। उन्होंने बताया कि उनके पास अब रहने के लिए कोई साधन नहीं है। दूसरों के घर में ही रहकर रातें कितने दिन काटनी पड़ेंगी यह हमें नहीं पता। रूमिया राम की पत्नी नम आंखों से अपने उस गिरने को तैयार आशियाने को निहारती रहती है, जिसे बनाने में सदियां लगी थीं।

मंहगाई के इस दौर में कैसे बनेगा नया घर
महिला की एक टक अपने आशियाने को निहारती निगाहें बस अब एक ही सवाल पूछ रही थी, आखिर अब उनके लिए नया आशियाना कौन बनाएगा, उनके पास न तो नया घर बनाने के लिए जमीन है और न ही अभी तक सरकार की तरफ से कोई सहायता मिली है। मंहगाई के इस दौर में उनके लिए नया निर्माण कर पाना मुश्किल ही नहीं असंभव है और उनके सामने घर की समस्या खड़ी हो गई है। पटवारी, कानूनगो व तहसीलदार तो आये थे रिपोर्ट भी ले गए है लेकिन अभी तक सहायता नहीं आई।

कानूनगों ने बताया
इस बारे में जब क्षेत्रीय कानूनगो महेंद्र कुमार शर्मा से बात की गयी तो उन्होंने बताया की मकान गिरा नहीं है लेकिन दरारें बहुत बड़ी है जिससे यह रहने लायक नहीं रह गया है। हल्का पटवारी द्वारा नुकसान की रिपोर्ट विभाग के उच्च-अधिकारियों को भेज दी गयी है तथा अधिकारियों के आदेशानुसार ही अगली कार्यवाही अम्ल में लायी जाएगी।

तस्वीरों में देखें घर की हालत :


भूस्खलन से खसतिग्रस्त मकान-फोटो -1
भूस्खलन से खसतिग्रस्त मकान-फोटो -2
भूस्खलन से खसतिग्रस्त मकान-फोटो -3




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