22 October 2015

मिलिए हमारे लडभड़ोल की "दंगल गर्ल" से, जिसके बारे में जानने पर आपको उस पर गर्व होगा

लडभड़ोल/हरड़ : जैसे आमिर खान की फिल्म दंगल में फोगट परिवार की मेहनत तथा लगन ने उनको विश्व में उंचा दर्ज दिलाया वैसे ही लडभड़ोल के हरड़ गांव का एक पिता अपने बेटी की मेहनत के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर रहा है। उस पिता का सिर्फ एक ही सपना है कि उनकी बेटी देश के लिए खेले। हम बात कर रहे हैं लडभड़ोल तहसील के हरड़ गांव के निवासी सुरेश जम्वाल की।

दंगल फिल्म जैसी है कहानी
दंगल फिल्म से महावीर सिंह फोगाट और उनकी बेटियों की सफलता की कहानी सामने आती है। जो हर बेटी को कुछ करने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। कुछ ऐसी ही कहानी है लडभड़ोल तहसील के हरड़ गांव के निवासी सुरेश जम्वाल की। सुरेश जम्वाल की एक बेटी है स्वेता जो क्रिकेट खेलती है।

लड़कों की अंडर -14 टीम से खेलती है स्वेता
लडभड़ोल क्षेत्र के इस दंगल की कहानी कुछ यूं है कि सुरेश जम्वाल कई वर्षों से जालंधर में रहते है। उनकी 11 वर्षीय बेटी स्वेता दयानन्द मॉडल स्कूल मॉडल टॉउन जालन्धर से अंडर-14 टीम से क्रिकेट खेलती है। खास बात यह है की स्वेता लड़की होने के बावजूत लड़कों की अंडर -14 टीम में हिस्सा लेती है।

हाल ही में खेली सीरीज़
हाल ही में जालंधर में दयानन्द मॉडल स्कूल मॉडल टॉउन और जम्मू क्रिकेट अकादमी के बीच एक मैत्रीपूर्ण मैच खेला गया जिसमे दयानन्द मॉडल स्कूल मॉडल टॉउन की टीम ने जम्मू क्रिकेट अकादमी की टीम को 8 विकेट से हराया। इस मैच दयानन्द मॉडल स्कूल मॉडल टॉउन की टीम स्वेता सहित कुल तीन लड़किया शामिल थीं।

स्वेता ने दिखाया दम
जम्मू क्रिकेट अकादमी की टीम लडभड़ोल तहसील से संबधं रखने वाली स्वेता की घातक गेंदबाज़ी का सामना नहीं कर पायी और सिर्फ 54 रनों पर ढेर हो गयी। स्वेता ने जबरदस्त गेंदबाज़ी करते हुए 5 रन देकर 3 खिलाडियों के विकेट झटके। स्वेता के इस शानदार प्रदर्शन के उन्हें मैच की सर्वश्रेष्ट खिलाडी का अवार्ड दिया गया। इस पूरी सीरीज के दौरान स्वेता ने 3 मैचों में 9 विकेट झटके। पूरी सीरीज में शानदार करने के लिए स्वेता को बेस्ट बॉलर का अवार्ड दिया गया।

11 वर्षीय स्वेता है छटी कक्षा की छात्रा
11 वर्षीय स्वेता छटी कक्षा की छात्रा है। स्वेता ने तीसरी कक्षा से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। सुरेश जम्वाल ने शुरू से अपनी बेटी स्वेता को लड़कों की एक स्थानीय क्रिकेटी अकादमी में बुनियादी ट्रेनिंग देनी शुरू की थी। दिन में वह स्कूल जाती है तथा शाम को कोचिंग में भाग लेती है। अपनी क्रिकेट करियर को सवांरने के लिए स्वेता कड़ी मेहनत कर रही है।

देश का नाम रोशन करना चाहती है स्वेता
फिल्म दंगल में महावीर बने आमिर खान ने जिस तरह अपने बेटियों के भविष्य के लिए संघर्ष किया, उसी तरह लडभड़ोल के हरड़ गांव का एक पिता बेटी के बेहतर भविष्य के लिए अथक प्रयास कर रहा है। लडभड़ोल क्षेत्र की यह बेटी भी लडभड़ोल और देश का नाम रोशन करना चाहती है। अब उसका सपना है देश के लिए खेलना, जिसके लिए कठिन परिश्रम कर रही है।

देखें कुछ फोटो


सीरीज़ जितने के बाद टीम के साथ स्वेता
बेस्ट बॉलेर का अवार्ड लेते हुए
बेस्ट बॉलर व बेस्ट खिलाडी अवार्ड जितने के बाद फोटो खिंचवाती हुए स्वेता




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