
जोगेंद्रनगर : उपमंडल में लावारिस कुत्तों द्वारा आम जनता को काटने का सिलसिला अभी भी जारी है। नागरिक अस्पताल में रोजाना दो से तीन मामले कुत्तों के काटने के आ रहे हैं। लावारिस कुत्तों की संख्या कितनी है इसकी जानकारी न तो नगर पंचायत को है और न ही प्रशासन को है।
इसका मुख्य कारण नगर पंचायत के पास लावारिस कुत्तों की नसबंदी के लिए नसबंदी केंद्र का अभाव है। इस कारण लावारिस कुत्तों का पंजीकरण नहीं किया जा रहा है और न ही कुत्तों को पकड़ने के लिए नियुक्ति की जा रही हे। वर्ष 2015 में करीब 60 मामले नागरिक अस्पताल में कुत्तों के काटने के दर्ज किए गए हैं।
वर्ष 2016 में जनवरी माह से 42 मामले लावारिस कुत्तों के काटने के दर्ज हो चुके हैं। विडंबना यह है कि लावारिस कुत्तों को पकड़ने पर आने वाले खर्चे की तुलना काटे गए व्यक्तियों के उपचार पर होने वाले खर्चे से की जाए तो यह भी कई गुणा कम है।
लावारिस कुत्तों के काटने के रोजाना दो से तीन मामले अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इनके उपचार के लिए चार इंजेक्शन लगाए जाते हैं। इनकह कीमत करीब दो से तीन हजार रुपये है। साथ में अन्य काम भी प्रभावित हो रहा है।
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