22 October 2015

उड़ी हमले में घायल हुए बोहल के जसवंत कुमार घर पहुंचे, दुश्मनों से लड़ने के लिए फिर तैयार

लडभड़ोल : जम्मू-कश्मीर के उड़ी सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में गंभीर रूप से घायल लडभड़ोल तहसील की मतेहड़ पंचायत के बोहल गांव के निवासी सैनिक जसवंत कुमार करीब पांच माह के उपचार के बाद घर लौट आए हैं। दिल्ली के आरआर सेना अस्पताल से मंगलवार 14 फरवरी को छुट्टी मिलने के बाद बुधवार को घर पहुंचे। घर पहुंचने पर परिजनों के अलावा गांववासियों ने उनका स्वागत किया। पिछले साल 18 सितंबर को उड़ी सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में बोहल निवासी सैनिक जसवंत कुमार गंभीर रूप से घायल हुए थे। आठ अप्रैल को उन्हें दोबारा उपचार के लिए दिल्ली के सेना अस्पताल में बुलाया है।

सेना के चिकित्सकों ने उनकी दोनों बाजुओं और टांग के करीब पांच ऑपरेशन किए हैं। हालांकि उन्हें चलने व फिरने के लिए बैसाखियों का सहारा लेना पड़ रहा है। दोनों बाजुओं में गहरे जख्म होने के बाद बाजुओं की ताकत अभी पूरी रूप से लौटी नहीं है। जसवंत के घर लौटने पर बुजुर्ग पिता जय सिंह व माता सूती देवी खुश हैं। पत्नी शावनी देवी के चेहरे की रौनक भी लौट आई है।

उड़ी हमले में सात गोलियां लगने के बाद भी जसवंत में वही जोश, हिम्मत और जज्बा है। कहते हैं कि जल्द वह सेना में तैनाती देंगे और दुश्मनों से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उड़ी आतंकी हमले में घायल जसवंत ने अभी तक हौसला नहीं हारा है। जसवंत ने सात गोलियां लगने के बाद भी एक आतंकी को मार गिराया था। चलने-फिरने में बेशक अभी कुछ और समय लगेगा, लेकिन अंदर से वह अभी तक मजबूत हैं।

जसवंत ने बताया कि पिछले साल 18 सितंबर की सुबह करीब साढ़े चार बजे जब वह उड़ी सेना मुख्यालय के एक शिविर में सोए हुए थे तो अचानक ग्रेनेट फटने की आवाज सुनाई दी। इसकी जानकारी उन्होंने सेना के उच्चाधिकारी को दी। इसके बाद उन्होंने हथियारों के साथ बेस कैंप की ओर रुख किया तो उनसे महज 20 मीटर की दूरी पर ही दो आतंकवादी हथियारों से लैस खड़े थे। इनमें एक आतंकी को उन्होंने मार गिराया, लेकिन दूसरे ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां दागना शुरू कर दीं। इससे उसकी राइफल की मैगजीन क्षतिग्रस्त हो गई और कुछ गोलियां उनकी बाजू और टांगों में लग गई। एक गोली उनके सिर को छूकर निकली।

जसवंत ने बताया कि कुछ ही माह में वह सेना में तैनाती देंगे। लडभड़ोल के इस बहादुर सैनिक ने 22 फरवरी 1994 में भारतीय सेना में अपनी तैनाती दी थी। उन्होंने वर्ष 2018 में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन उन्होंने दो वर्ष का अतिरिक्त सेवा विस्तार लिया हुआ है।





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