22 October 2015

सिर्फ Learning License के लिए जोगिंद्रनगर कार्यालय ने लगवाये 6 चक्कर

लडभड़ोल : यदि आप लडभड़ोल तहसील के किसी गाँव के निवासी है और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सोच रहे हैं तो आपको जोगिंद्रनगर का एक नही बल्कि कई बार चक्कर काटने पड़ सकते है। उसके बाद ही आपको लाइसेंस मिलेगा| सिर्फ एक लाइसेंस के लिए कम से कम पांच बार जोगिंद्रनगर की शानदार यात्रा करने के लिए किसका धन्यवाद करे ? विधायक का या वहां बैठे हुए कर्मचारियो का..? SDM कार्यालय में बैठे हुए क्लर्क भी लडभड़ोल जैसे दूर दराज़ क्षेत्रो से आने वाले लोगों के लिए वहां कोई हमदर्दी नही दिखाते| शायद उंन्हें लोगों को बार बार जोगिंद्रनगर बुलाना आनंददायक लगता होगा|

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कई दिन से चक्कर काट रहे बलोटू गांव के निवासी अजु का कहना है कि वह कई दिनों से जोगिंद्रनगर कार्यालय जा रहे हैं, लेकिन वह छोटी-छोटी गलतियां निकाल कर बार बार जोगिंद्रनगर जाने पर मजबूर कर रहे है|

लडभड़ोल.कॉम से बात करते हुए अजु ने बताया की वह गाडी का लाइसेंस बनाने के लिए कोशिश कर रहे है| पहले दिन व लडभड़ोल के तहसील कार्यालय से स्टेम पेपर पर तहसीलदार के हस्ताक्षर करवाकर पुलिस की रिपोर्ट लेने जोगिंद्रनगर थाने गए| जोगिंद्रनगर से वापिस आकर वह रिपोर्ट फिर से लडभड़ोल के तहसील कार्यालय में जमा करवानी थी| लेकिन थाने में रिपोर्ट लेने में हुई देरी के कारण वह लडभड़ोल समय से नही पहुँच सके इसलिए लडभड़ोल तहसीलदार कार्यालय ने उन्हें रिपोर्ट जमा करवाकर अगले दिने चरित्र प्रमाण पत्र ले जाने को कहा| इसी तरह एक दिन निकाल गया|

दूसरे दिन सुबह 10 बजे ही कार्यालय खुलते ही अजु लडभड़ोल तहसील पहुँच गए| लेकिन चरित्र प्रमाण पत्र उन्हें लगभग 11 बजे मिला| लाइसेंस के अन्य सभी कागजात उन्होंने पहले ही तैयार कर रखे थे| अब उन्हें वह चरित्र प्रमाण जोगिंद्रनगर जाकर जमा करना था| इसलिए अजु ने 11 बजे ही जोगिंद्रनगर के बस ले ली| दूरी अधिक होने के कारण वह लगभग 1 बजे जोगिंद्रनगर पहुंचे| जैसे ही वह लाइसेंस के अप्लाई करने कार्यालय गए तो कर्मचारियों ने यह कहकर लौटा दिया की वह 1 बजे से पहले ही फॉर्म जमा करते है| अजु के लाख कोशिश करने पर भी वह नही माने और उन्हें अगले दिन आने को कहा| इस तरह दो बार जोगिन्दरनगर का दौरा करने के बाद भी अभी तक लाइसेंस नही मिला|

अगले दिन अजु ने लडभड़ोल से सुबह 9 बजे की बस पकड़ी और लगभग 11 बजे जोगिंद्रगर पहुँच गए| आज वह टाइम से पहुंच गए थे और वह बहुत खुश थे| उन्हें कर्मचारियो द्वारा कुछ फॉर्म भरने की औपचारिकताये करने को कहा गया और रोहित ने ठीक वैसा ही किया| उसके बाद अजु की कागजात की फाइल को जमा कर लिया गया और ये कहा गया की अभी हम आपको एक-दो दिन में मेसेज भेजेंगे उसके बाद आपको फिर से जोगिंद्रनगर आकर कंप्यूटर टेस्ट देना होगा| अजु हैरान था और परेशान भी| लगातार तीन चक्कर लगाने के बाद भी अजु का लाइसेंस नही बन पा रहा था| फिर से लाख मन्नते की लेकिन फिर से सब बेकार| थक हारकर अजु फिर से वापिस अपने घर आ गया|

फिर लगभग दो दिनों के बाद अजु के मोबाइल में मेसेज आया की आज उन्हें जोगिंद्रनगर आकर लर्निंग लाइसेंस के लिए कंप्यूटर पर टेस्ट देना होगा| अजु चौथी बार जोगिंद्रनगर गए और समय से वहां पहुंच भी गए| वह मन ही मन बहुत खुश थे की आख़िरकार आज तो लाइसेन्स बन ही जायेगा| वह कार्यालय पहुंचे और थोड़ी देर बाद उन्हें बताया गया की आज सर्वर डाउन है और टेस्ट आज नही हो सकता आपको कल आना होगा| अजु मायूस होकर वही कुर्सियों पर बैठ गया| अजु की हिम्मत अब जबाब देने लगी थी| फिर से लाख कोशिशें की लेकिन फिर से सब व्यर्थ| चौथे दिन भी अजु को बेरंग वापिस अपने गाँव लौटना पड़ा|

अगर दिन अजु सुबह उठा और सोचने लगा की आज जोगिंद्रनगर जाया जाये या नही| फिर उसने सोचा की अगर आज नही गया तो इतने दिनों की मेहनत बेकार चली जाएगी| इसलिए फिर से रोज़ की तरह वह पांचवी बार जोगिंद्रनगर चला गया| आज वह फिर समय से पहुंच गया| आज सर्वर भी डाउन नही था| आज लाइसेंस बनने के पूरा चांस था| थोड़ी देर बाद अजु का नाम पुकारा गया| उसकी पहली फोटो खिंची गयी फिर कंप्यूटर पर टेस्ट देने के लिए बिठाया गया| अजु ने टेस्ट दिया और पास भी कर लिया| अजु बहुत खुश था| लेकिन यह ख़ुशी थोड़ी देर की ही थी क्योंकि टेस्ट पास करने के बाद अजु को बताया गया की आपने टेस्ट पास कर लिया और आपको आपका लर्निंग लाइसेंस दो दिन बाद मिलेगा| इसलिए आपको दो दिन बाद फिर से यहाँ आना पड़ेगा| अजु का दिल फिर से बैठ गया| वह अब दुबारा जोगिंद्रनगर नही आना चाहता था| लेकिन और उसके पास कोई चारा भी नही था| इसलिए पांच बार चक्कर लगाने के बाद भी अजु के हाथ अभी लर्निंग लइसेंस नही आया था| इस तरह अजु पांचवे दिन भी खाली हाथ लौट आया|

फिर कुछ दिन के बाद छटी बार अजु फिर से जोगिंद्रनगर गया और उसे लर्निंग लाइसेंस मिल गया| सिर्फ लर्निंग लाइसेंस के लिए रोहित को जोगिंद्रनगर के 6 चक्कर लगाने पड़े|

अभी तो सिर्फ लर्निंग लाइसेंस बना है| परमानेंट लाइसेंस के लिए सातवीं बार ट्रायल देने जाना पड़ेगा और आठवी बार उस लाइसेंस को लेने जाना पड़ेगा| अगर एक लाइसेंस बनाने के लिए लडभड़ोल के किसी व्यक्ति की पचास किलोमीटर दूर स्थित जोगिंद्रनगर के आठ चक्कर लगाने पड़े तो समझ जाना चाहिए की हम आगे नही पीछे की और बढ़ रहे है| अजु को इतनी बार जोगिंद्रनगर जाने के लिए मानसिक परेशानी के साथ आर्थिक परेशानी भी हुई|

लडभड़ोल तहसील के तहत आने वाली सभी 17 ग्राम पंचायतों कोंलग, उटपुर, सिमस, रोपडी कलेहडू, तरेबली, खद्वर, दलेड, ममाणवनादर, रोपडी, तलकेहड, पिहड वेहडलू, कथौण, गोलंवा, वाग,भडोल, उपरीधार व तुलाह के हजारों लोग इस व्यवस्था से परेशान है।

अजु का कहना है कि तहसील कार्यालय लडभड़ोल उन्हें हर लिहाज से सुविधाजनक व काफी नजदीक है, जबकि जोगिंद्रनगर हर लिहाज से दूर व असुविधाजनक है| इसलिए लडभड़ोल के लोगों को यह सुविधाएं लडभड़ोल में ही मिलनी चाहिए|





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