22 October 2015

बन्दरो की बढ़ती समस्या के चलते ऊटपुर पंचायत में किसानों ने समय से पहले काट दी मक्की

लडभड़ोल : लडभड़ोल के ऊटपुर गाँव में आए दिन बन्दरो द्धारा किसानो के खेतो में घुसकर उनकी फसलो को तहस नहस करने से किसान लोग परेशान हो चुके है। बंदरों की बढ़ती समस्या के चलते ऊटपुर पंचायत में किसानों ने अपने खेतों से मक्की को समय से पहले ही काटना शुरू कर दिया है |

ऊटपुर पंचायत में लगभग 250 परिवारों ने बन्दरो व सूअरों के डर से अपनी जमीन पर केवल घास की खेती की है | इस जमीन पर वह कई वर्षो से मक्की और धान उगाते थे।पिछले वर्षों में बन्दरो से फसल की रक्षा करने के लिए स्थानीय लोगों की ड्यूटी लगाई जाती थी | लेकिन इस वर्ष जिन लोगों ने घास की खेती की है वह ड्यूटी देने से मना करते है इसलिए इस वर्ष किसी की ड्यूटी नही लगाई गयी जिसके परिणामस्वरुप किसान खून के आंसू रो रहे है ।

किसान लाख प्रयत्न के बाद भी फसलो को नष्ट होेने से नही बचा पा रहे है । मक्की की फसल को तैयार होने में अभी लगभग 1 महीने का वक़्त है लेकिन स्थानीय लोगों ने मक्की की फसल को समय से 1 महीना पहले ही काटना शुरू कर दिया है | मक्की की कच्ची फसल को काटने पर किसानों द्वारा मक्की बीजने पर जो खर्च किया था वह भी पूरा नही हो पायेगा | बंदर तो इतने खूंखार हो चुके हैं कि मक्की को तो लोगों की छत्तों से भी उड़ा ले जाते हैं और लोगों को उल्टा डराते हैं।

आज का किसान बंदरों की वजह से फसलों से मुंह मोड़ता जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्रों में यह उत्पाती बंदर किसानों के खेतों में लगी फसलों पर धाबा बोल देते हैं, जिस कारण किसान खासे परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि दिन में बंदर और रात को जंगली सूअर उनकी फसलों को बर्बाद कर रहे हैं।

बंदरों की बढ़ती समस्या के चलते बहुत सी पंचायतों में किसानों ने अपने खेत खाली छोड़ दिये हैं। जबकि सरकार अभी भी घिसे पीटे तौर तरीकों से इस समस्या का हल करने में लगी हुई हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से बन्दरो व सूअरों के आंतक से निजात दिलाने की गुहार लगाई है |





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