22 October 2015

समाज और पशुसेवा की मिसाल कायम कर रहे है ऊटपुर पंचायत के कुटला निवासी प्रदीप कुमार

लडभड़ोल : आज समाजसेवा का मतलब, नेतागिरी करना हो गया है। आम इंसान सोचता है कि वो तो समाजसेवा कर ही नहीं सकता। समाजसेवा करने के लिए समय और पैसा चाहिए और दोनों चीज उनके पास नहीं होती। क्योंकि आम जनता का पूरा समय पैसा कमाने में ही खर्च हो जाता है! ऐसे में ‘समाजसेवा’ शब्द एक फैशन की तरह इस्तेमाल होने लगा है। जो थोड़ी-बहुत समाजसेवा होती है, वो भी सिर्फ सोशल मीड़िया पर छा जाने के लिए।

पहले कहा जाता था “नेकी कर कूएं में ड़ाल” लेकिन अब कूएं ही नहीं रहें। अत: अब ऐसा लगता है कि हर छोटी-मोटी नेकी सोशल मीड़िया पर अपलोड करने के लिए ही की जाती है।

लेकिन आज हम मिलेंगे एक ऐसे व्यक्ति से, जो न तो कोई नेता है, न हीं कोई बड़ा अधिकारी! फिर भी उसने लडभड़ोल में समाजसेवा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। इन सज्जन का नाम है ‘प्रदीप कुमार ’, जो लडभड़ोल तहसील की ऊटपुर पंचायत के कुटला गाँव से है और बैजनाथ के उस्तेहड़ में पशु चिकित्स्क के रूप में कार्यरत हैं|

घावों वाले जिन पशुओं से जहां एक ओर दुर्गंध आने पर लोग बचकर निकल जाते हैं। उन बेजुबान पशुओं के उपचार के लिए प्रदीप हर समय तैयार रहते है। लोगों द्वारा सिर्फ एक फ़ोन कॉल करने पर वह उनके घर पर जाकर पशुओं का इलाज़ करते है और इलाज भी तब तक जारी रखते है जब तक कि बीमार पशु पूरी तरह स्वस्थ ना हो जाए। ड्यूटी से घर पहुँचते ही प्रदीप तुरंत आसपास के लोगों के पशुओं के इलाज़ करने निकल जाते है | समाजसेवा ऐसी की कभी कभी तो वह रात को 8 या 9 बजे घर पहुँचते है |

प्रदीप का यह भाव पिछले तीन वर्षों से लडभड़ोल तहसील के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।अब तक वह सैकड़ों पशुओं की सेवा कर तकलीफ से मुक्ति दिला चुके है। उनके सेवा भाव को देखकर लडभड़ोल के लोगों की ओर से उन्हें काफी सराहना मिल रही है

हमारे लिए हफ्ते में 5 या 6 दिन दफ्तर में काम करने के बाद मिलने वाले साप्ताहिक अवकास का मतलब होता है- घर पर रह कर परिवार के साथ समय व्यतीत करना, घूमना और मस्ती करना। लेकिन प्रदीप कुमार के लिए छुट्टी का मतलब लोगो के घर जाकर पशुओं का इलाज़ करना है।

प्रदीप ने अपनी दसवीं कक्षा तक की शिक्षा साल 2008 में HGN पब्लिक स्कूल लडभड़ोल से प्राप्त की। इसके बाद साल 2010 में इन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ऊटपुर से नॉन-मेडिकल विषय में बारहवीं की परीक्षा पास की और इसके पश्चात् है पालमपुर के चौधरी श्रवण कुमार विश्वविद्द्यालय में प्रवेश लिया जहाँ विद्यार्थियों की संख्यां अधिक होने पर इन्हें हमीरपुर भेजा गया वहां से इन्होंने वेटेनरी में डिग्री प्राप्त की।

प्रदीप के मुताबिक हम सब अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर तो बन जाते हैं, लेकिन ज्यादातर अच्छे इंसान नहीं बन पाते और जब हम बूढ़े हो जाते हैं तब हमें समझ आता है कि हमने तो अपनी जिंदगी में कुछ किया ही नहीं। इसलिए हफ्ते में एक दिन कोई इस तरह की सेवा के लिये देता है तो उसकी जिंदगी दूसरों से अलग बन जाती है।

अगर आपका पशु बीमार है तो पशु के इलाज़ या इलाज़ के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप प्रदीप से 9816290987 पर संपर्क कर सकते है।


प्रदीप कुमार बाइक पर फोटो खिंचवाते हुए
वेटेनरी विभाग लगाई गयी प्रदर्शनी में भाग लेते हुए प्रदीप कुमार




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