22 October 2015

ऊटपुर पंचायत के पशु औषधालय में एक वर्ष से लटका ताला, 9 गाँवों के पशुपालक परेशान

लडभड़ोल : ग्राम पंचायत ऊटपुर में पशु औषधालय एक वर्ष से बंद पड़ा हुआ है। फार्मासिस्ट और सहायक के दोनों पद रिक्त होने के कारण औषधालय में ताला लटका हुआ है। मजबूरन लोगों को आठ किलोमीटर दूर स्थित लडभड़ोल में पशुओं को उपचार के लिए लाना पड़ रहा है। स्थानीय लोग इस मामले को कई विभाग के समक्ष उठा चुके हैं। इसके बाद भी पशु औषधालय में फार्मासिस्ट की तैनाती नहीं हो पाई है। पशु औषधालय में कोई कर्मचारी व फार्मासिस्ट न होने के कारण ग्रामीण पशुपालक बहुत परेशान है तथा उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है |

ग्राम पंचायत ऊटपुर में पशुओं की संख्या करीब एक हज़ार है जिसमे गाय,भैंस,खच्चर ,कुत्ता,भेड़ व् बकरी शामिल है| पशुओं की इतनी बड़ी संख्या में होने के कारण अगर कोई पशु बीमार होता है तो पशुपालकों के पास उसका इलाज करवाने का कोई विकल्प नहीं है| ग्राम पंचायत ऊटपुर से नजदीकी पशु औषधालय आठ किलोमीटर दुरी पर लडभड़ोल में स्थिति है | पशुपालक छोटी मोटी बिमारियों से निजात पाने के लिए घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते है लेकिन गम्भीर रूप से बीमार पशुओं को उपचार करवाने के लिए निजी वाहनों में लडभड़ोल ले जाना पड़ता है या वहां से पशु चिकित्स्क को बुलाना पड़ता है | इतनी दूर से पशु चिकित्स्क के पहुँचने तक कुछ आपातकालीन बिमारियों से पशुओं की मृत्यु भी हो जाती है जिससे लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

इस असुविधा के कारण सबसे बड़ी समस्या कृत्रिम गर्भादान की है| ऊटपुर पंचायत में के लगभग हर घर में दुग्ध उत्पादन के लिए गाय व भैंस है| उचित समय पर कृत्रिम गर्भादान न होने के कारण पशुपालकों को काफी ज्यादा नुक्सान हो रहा है| इसका सीधा असर प्रजनन और दुग्ध उत्पादन में पड़ता है |

ग्राम पंचायत ऊटपुर में करीब 9 गाँव आते है जिसमे ऊटपुर,साढां,माकन ,लंघा,प्लोटी,कुटला,भ्रां घटोड व तैंन शामिल है | इन सभी गाँवों के ज्यादातर लोग कृषि तथा पशुपालन पर निर्भर है | इस असुविधा के कारण ग्रामीणों पर बहुत अधिक अंदर पड़ा है और पशुपालक हताश-निराश है| जिस पंचायत में पशुओं की संख्या इतनी ज्यादा है वहां पशु औषधालय पर इतने लम्बे समय तक ताला लगना एक बहुत बड़ी समस्या है |


स्थानीय निवासियों अमित बरवाल,अंकु,बरवाल, वरुण राणा, प्रदीप कुमार(कुटला) ने बताया पशु औषधालय बंद होने के कारण काफी मुश्किलें पेश आ रही हैं। लोगों ने पशु पालन विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द पशु औषधालय में फार्मासिस्ट की तैनाती की जाए।

भवन में ताला लटका होने के कारण भवन की हालत भी दयनीय हो गई है और भवन में रखा फर्नीचर खराब गया है| पशु औषधालय केंद्र एक जर्जर सराय भवन में तब्दील हो चूका है, जो कभी भी गिर सकता है। लोगों ने सरकार व पशुपालन विभाग से इसके जीर्णोंद्धार व नया भवन बनाने की कई बार गुहार लगाई है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ।

वीरवार को पशु औषधालय ऊटपुर में लडभड़ोल के वरिष्ठ चिकित्स्क ने औचक निरिक्षण किया | वह पशु औषधालय के भवन के दयनीय हालत को देखकर दांग रह गए | उन्होंने कहा की वह बहुत दुर्गम स्थानों पर अपनी सेवाएं दे चुके है लेकिन इससे ज्यादा दयनीय हालत उन्होंने आज तक कही नहीं देखी| उन्होंने आनन फानन में पशु औषधालय का सामान नज़दीकी पंचायत घर में रखने के आदेश दे दिए | तभी गाँव के कुछ युवकों की सहायता से पशु औषधालय का सारा सामान साथ में स्थित पंचायत भवन में रखवा दिया है |


जब इस बारे में स्थानीय पंचायत के प्रधान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पशु औषधालय केंद्र के रख-रखाव के प्रस्ताव डाल दिया गया है | पशु औषधालय में लोगों को बैठने के लिए कोई सुविधा नहीं है उसके लिए भी प्रस्ताव डाला गया है | लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई जबाब नहीं आया है | जैसे ही सरकार की तरफ से कोई जबाब आएगा तो तुरंत ही भवन का जीर्णोद्धार कर दिया जाएगा|

Written By Pradeep Kumar (कुटला )
Photos By Vishal And Varun Rana (ऊटपुर )
Posted By Amit Barwal (ऊटपुर)

                     जर्जर भवन की तस्वीरें देखें


औषधालय पर लटका हुआ ताला
औषधालय के अंदर की दयनीय हालत
पंचायत घर में रखा गया औषधालय का सामान




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