22 October 2015

तो क्या वाकई लडभड़ोल क्षेत्र के सांढा पत्तन में नंदी पी रहे है पानी..? जानिए सचाई

लडभड़ोल : आस्था वैज्ञानिक कारणों की अनदेखी किस तरह करती है, इसका प्रमाण लडभड़ोल तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत ऊटपुर के सांढा पत्तन गांव में देखने को मिल रहा है। यहाँ मंगलवार शाम को एक वीडियो वायरल हुई जिसमें दावा किया गया था की यहाँ नवनिर्मित मंदिर में नंदी बैल की प्रतिमा चम्मच से पानी पी रही है।

बैजनाथ तक पहुंची अफवाह
वीडियो में स्थानीय लोगों ने दावा किया शिव मंदिर में स्थापित नंदी की मूर्ति दूध पी रही है। यह खबर सुनते ही गांव के दर्जनों लोग कटोरी में पानी व दूध लेकर इकट्ठा हो गए। सबने बारी-बारी से चम्मच से भरा दूध मूर्ति के मुख के सामने लगाया, और दावा किया कि नंदी की मूर्ति दूध पी रही है। बस फिर क्या था यह अफवाह कुछ ही देर में पुरे लडभड़ोल क्षेत्र सहित बैजनाथ व जोगिंदरनगर तक पहुंच गयी।

इंटरनेट पर मौजूद है ऐसी अफवाहें
बता दें की ऐसे ही सैंकड़ों अफवाहें पहले भी भारत के कई राज्यों में फ़ैल चुकी है। पहले भी इस तरह की अफवाहें उड़ी थीं तब जानकारों ने तर्क सहित पूरे मामले को समझाया था। अगर आप इंटरनेट खंगालोगे तो इस तरह की सेकंडों खबरें पढ़ने को मिल जाएंगी जिनमें नंदी बैल के दूध या पानी पीने की अफवाह उड़ाई गयी थी।

वैज्ञानिकों ने बताया है अफवाह
ऐसी अफवाहों का खंडन करते हुए वैज्ञानिकों ने बताया है की प्रक्रिया है जिसे सरफेस टेंशन कहते है जिसके कारण किसी मिट्टी की मूर्ति या पत्थर की मूर्ति को कोई द्रव्य पदार्थ पानी या दूध से सम्पर्क होता है उस समय कुछ हद तक मूर्ति पानी सोख लेती है। इसी कारण हमें आभास होता है कि मूर्ति पानी पी रही है। लेकिन कुछ समय बाद पानी नीचे बहने लगता है। लेकिन मन में बसी श्रद्धा के कारण लोग उसे देख नहीं पाते और इसे एक चमत्कार मान लेते हैं।

हम जानते है की यह आस्था का विषय है। कुछ लोगों को ऐसा लगा होगा कि नंदी दूध पी रहे हैं पर ऐसा नहीं है। लडभड़ोल.कॉम लोगों से अपील करता है की कि सामाजिक स्वास्थ्य बनाए रखें और जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को स्वीकार करें।





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