22 October 2015

लडभड़ोल के सरकारी अस्पताल में शनिवार शाम से लटका ताला, मरीज़ परेशान

लडभड़ोल : तहसील लडभड़ोल की स्वास्थ्य सुविधा रामभरोसे है। 17 पंचायतों को स्वास्थ्य सुविधा देने वाले इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार शाम से ताला लटका था व एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं था |

पंजाब केसरी में छपी खबर के मुताबिक शनिवार शाम को कुछ लोग मरीज़ को लेकर इस आस में अस्पताल पहुंचे थे कि इलाज होगा लेकिन वहां एक भी कर्मचारी के न होने पर उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था । काफी देर इंतजार करने के बाद वे मरीज को लेकर बैजनाथ चले गए। रविवार सुबह भी कुछ ऐसा ही नज़ारा दिखा| कुछ लोग गाडी में मरीज़ को लेकर लडभड़ोल के स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र पहुचे लेकिन चिकित्सक व अन्य स्टाफ की गैरहाजिरी ने उन्हें मायूस कर दिया। वे भी अपने मरीज को लेकर आगे बैजनाथ चले गए। स्वास्थ्य विभाग र्का ऐसी गैर ज़िमेदाराना हरकत किसी भी तरह से माफी के लायक नहीं है। आप यह खबर लडभड़ोल डॉट कॉम वेबसाइट पर पढ़ रहे है|

लडभड़ोल के इस अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं वैसे भी नाममात्र की ही है । कहने को तो यह CHC है लेकिन सुविधाएं शून्य के बराबर है । स्टाफ की कमी की मार झेल रहे इस अस्पताल में प्राथमिक उपचार के अलावा कुछ खास तो नहीं होता है लेकिन मरीजों को रेफरल स्लिप मिल जाने से आगे बडे, अस्पताल में इलाज करवाने में सुविधा रहती है। जब सारा अस्पताल स्टाफ ही गायब हो तो मरीज क्या करें ।

हाल ही में कुछ महीने पहले स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिह ने इस अस्पताल का निरीक्षण किया था। उस समय उन्होंने अस्पताल की खस्ता हालात पर अस्पताल प्रशासन को फटकार लगाई थी। 4 वर्ष पूर्व यहां सवा करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक स्तर पर नया अस्पताल भवन बना था लेकिन वहां के वार्ड में मरीज नहीं बल्कि अस्पताल के कर्मचारी सोते है।

उनका कहना है कि उनके रहने के लिए अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है। अस्पताल के परिसर में बने स्टाफ क़्वार्टर दयनीय स्थिति में हैं। प्रदेश में सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो का यह अस्पताल हमेशा से अपनी लड़ाई लड़ता आ रहा है| लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि यहा के लोगों को स्वास्थ्य के नाम पर प्राथमिक उपचार भी न मिले। स्टाफ की कमी का बहाना बनाकर अस्पताल स्टाफ लोगों के साथ इस तरह खिलवाड़ नहीं कर सकता।





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