22 October 2015

आजादी के 70 वर्ष बाद भी कंधे पर उठाने पड़ रहे मरीज़, खोखले साबित हो रहे विकास के दावे

लडभड़ोल : लडभड़ोल तहसील का एक गांव जहां विकास के पोस्टर यहां के लोगों के लिए कोई मायने नहीं रखते। हवादार कमरों में बैठे जनता के सेवक नेता व अधिकारी भी इनके लिए बेमानी हैं। हम बात कर रहे हैं लडभड़ोल तहसील की लडभड़ोल पंचायत के लोअर ग्वेला गाँव की। इस गांव में अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने के लिए पालकी पर उठाकर ले जाना पड़ता है, ऐसे में सरकार द्वारा गांवों को सड़कों से जोड़ने के दावे धरे के धरे रह जाते हैं।

बिस्तर पर उठाकर पहुँचाया अस्पताल
इस बात का प्रमाण उस समय देखने को मिला जब भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके गवैला गांव के दिलीप सिंह के बीमार होने पर उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को उसे पलंग की पालकी बनाकर उसे कंधे पर उठाकर लाना पड़ा। दिलीप सिंह पिछले कई महीने से कमर में डिस्क की समस्त से पीडित थे। बुधवार को अचानक उनकी तबियत काफी खराब हो गई। गांव में सड़क न होने के कारण स्थानीय लोगों ने उन्हें बिस्तर पर उठाकर अस्पताल पहुँचाया जहां उनका उपचार किया जा रहा है।

70 वर्ष बीतने के बाद भी नहीं नसीब हुई सड़क
हालाँकि मुख्य गवैला गांव तक तो सड़क पहुंच चुकी है मगर इस गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित लोअर गवैला गांव को आजादी के 70 वर्ष बीतने के बाद भी सड़क नसीब नहीं हो पाई है। इस कारण ग्रामीण आज भी रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं को पीठ पर लादकर ले जाने को मजबूर हैं। आपातकाल में स्थिति और भी बदतर हो जाती है। लोगों का आरोप है कि इस बारे में गांव के लोगों ने कई बार विभाग के आला अधिकारियों से शिकायत की लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

आंदोलन की धमकी
स्थानीय लोगों कालिदास, प्यार चंद, विद्या देवी, अमर सिंह, प्रीतम सिंह, गुलशन कुमार, लाल चंद, मनोज कुमार, अनिल कुमार आदि का कहना है की जब भी विधानसभा या लोकसभा के चुनाव आते हैं तो क्षेत्र के नेता ऐसी पंचायतों को शीघ्र सड़क सुविधा के साथ जोडऩे के दावे करते हैं लेकिन स्थिति आज भी यह है कि ऐसे कई गाँव आज भी सड़क से नहीं जुड़ पाए हैं। समय आ गया है कि लोअर ग्वेला के लोगों को अपने गांव को सड़क सुविधा के साथ जोड़ने के लिए आंदोलन की राह पकड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

उप-प्रधान ने दिया बयान
वहीं इस बारे में लडभड़ोल पंचायत के उप-प्रधान अजय कुमार ने लड़भड़ोल.काम से बात करते हुए बताया की वर्ष 2012 में पूर्व मंत्री ठाकुर गुलाब सिंह ने इस दिशा में कदम बढ़ाये थे लेकिन निजी भूमि विवाद के चलते यह सड़क निर्माण सिरे नहीं चढ़ पाया था। इस विवाद का खामियाजा ग्रामीण आज तक भुगत रहे है।

देखें कुछ तस्वीरें :









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