22 October 2015

केंद्रीय विद्यालय के लिए लडभड़ोल के 18 पंचायत प्रधानों ने नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र

लडभड़ोल : जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र को केंद्रीय विद्यालय की सौगात तो मिल चुकी है लेकिन इसे कहा खोला जाये अभी यह स्थान अभी निर्धारित नहीं हुआ है। हालाँकि कुछ महीने पहले विधायक प्रकाश राणा केंद्रीय विद्यालय चौंतड़ा में खोलने के संकेत दे चुके है बावजूत इसके लडभड़ोल क्षेत्र के लोग केंद्रीय विद्यालय को लडभड़ोल तहसील क्षेत्र में खोलने के लिए किये जा रहे प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।

18 पंचायतों के प्रधानों ने दी लिखित सहमति
इसी कड़ी में लडभड़ोल क्षेत्र की 18 पंचायतों के प्रधानों ने पत्र लिखकर केंद्रीय विद्यालय लडभड़ोल में खोलने के लिए अपना समर्थन दिया है। इन सभी पत्रों को संग्लन करके देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेजा गया है। इन पंचायत प्रधानों का कहना है की लडभड़ोल क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय का होना बहुत जरुरी है जिससे पलायन का दंश झेल रहे लडभड़ोल क्षेत्र के जख्मों पर कुछ हद तक मरहम लगेगा।

मुफ्त जमीन देने का एलान
तुलाह निवासी पूर्व एनसीसी अधिकारी बिमला चौहान ने बताया की ग्राम पंचायत तुलाह के चुल्ला गांव के लोगों ने केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए मुफ्त में जमीन देने का एलान भी किया गया है। चुल्ला में विद्युत् प्रोजेक्ट के पास लगभग 13 बीघे जमीन बिल्कुल समतल है जो केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए प्रयोग की जा सकती है। इसके आलावा यदि और अधिक जमीन की आवश्यकता हुई तो और जमीन भी उपलब्ध करवा दी जाएगी।

पलायन का दंश झेल रहे लडभड़ोलवासी
जोगिंदरगर विधानसभा क्षेत्र में दो तहसील है। एक तहसील जोगिंद्रनगर शहर में बनाई गयी है तथा दूसरी पिछड़े क्षेत्र लडभड़ोल में बनाई गई है। जोगिंद्रनगर तहसील हाईवे से जुडी हुई है तथा जोगिंद्रनगर से लेकर चौंतड़ा तक सरकारी व निजी स्कूलों का जाल बिछा हुआ है। वहीं हमारी लडभड़ोल तहसील गांव में है और यहाँ पर सड़क, बस सेवा एवं केंद्र सरकार का कोई भी कार्यालय तक नहीं है। क्षेत्र में अच्छे स्कूलों को कमी के कारण लोग पलायन करने को मज़बूर है। अधिकतर लोग गांव से लगभग 30-40 किलोमीटर दूर किराये के कमरों में रहकर रहे है और कष्टदायक जीवन जी रहे है।

संधोल में खुल सकता है तो लडभड़ोल में क्यों नहीं
लडभड़ोल क्षेत्र के एकदम बगल में धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के संधोल में खुला केंद्रीय विद्यालय सबका साथ सबका विकास के नारे को सही साबित करता है। संधोल भी लडभड़ोल जैसा एक ग्रामीण परिवेश का इलाका है। वहां केंद्रीय विद्यालय किराए के भवन में संचलित हो रहा है। हालाँकि अब भवन निर्माण वहां शुरू किया जा चुका है। अगर संधोल में केंद्रीय विद्यालय खोला गया है तो लडभड़ोल में भी केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए किसी तरह की कानूनी दिक्क्त नहीं होनी चाहिए।

"सबका साथ सबका विकास" का नारा सच करने का मौका
हिमाचल पहाड़ी राज्य है और यहाँ 10 बीघा समतल जमीन मुश्किल से ही मिलती है। शिमला व मंडी में केंद्रीय विद्यालयों के पास 5 बीघा से भी कम जमीन है। ऐसे में चुल्ला गांव के ग्रामीणों द्वारा मुफ्त में 20 बीघा जमीन उपलब्ध करवाना एक मिशाल है। लोगों का कहना की हर हाल में यह केंद्रीय विद्यालय लडभड़ोल तहसील में खोला जाना चाहिए तभी केंद्र सरकार का "सबका साथ सबका विकास" का नारा असल जिंदगी में चरितार्थ हो पायेगा।

जायज मांग करना क्षेत्रवाद नहीं
इस खबर में लिखी गयी बातों में कहीं पर क्षेत्रवाद की विचारधारा के लिए कोई स्थान नहीं है। "सबका साथ सबका विकास" तभी सम्भव हो पायेगा जब हमारे पिछड़े लडभड़ोल क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय जैसे सुविधाएँ मिलने लगेगा जिससे लोगों का जीवन आसान होता जायेगा। उम्मीद है जोगिन्दनगर तहसील के लोग भी लडभड़ोल तहसील की इस जायज मांग का समर्थन करेंगे।

नीचे दिए पंचायत प्रधानों ने प्रधानमत्री को पत्र लिखकर केंद्रीय विद्यालय लडभड़ोल में खोलने का आग्रह किया है।

1 : अनु देवी, लडभड़ोल
2: राज सिंह, तुलाह
3: मीरा देवी, गोलवां
4: सकीना देवी, बाग
5: खेम सिंह, ममान-बनांदर
6: तेज सिंह, रोपड़ी
7: रणवीर सिंह, पीहड बेहड़लु
8: दुनि चंद, खुड्डी
9: बीच राम, तरेंबली
10: देश राज, कोलंग
11: विजय कुमार, खददर
12: तुलसी राम, दलेड़
13: कमला देवी, मतेहड
14: लालमन सिंह, कथोन
15: गोपाल सिंह, लांगणा
16: चंद्रेश कुमारी, ऊटपुर
17: गोपाल सिंह, खडिहार
18: तारा देवी, सिमस
19: जिला परिषद संजीव शर्मा
20: विजय कुमार, बीडीसी सदस्य
21: रजनी ठाकुर, बीडीसी सदस्या





loading...
Post a Comment Using Facebook