22 October 2015

रेबीज़ संक्रमित भैंस का दूध धाम में किया इस्तेमाल! अब पुरे गांव को लगाये जा रहे एंटी रेबीज़ टीके

लडभड़ोल : लांगणा पंचायत के कोढर गांव में सोहन सिंह की लगभग एक  महीने पहले एक पागल कुते के द्वारा भैंस के बच्चे को काटने के बाद उसकी मौत हो गई और तीन दिन पहले बकरे के पागल होने के बाद उसकी भी मौत हो गई। भैंस, उसका बच्चा ओर बकरा तीनों चारा एक साथ खाते थे। इस भैंस की दूध-दहीं का विवाह शादियों व अन्य समारोहों में हजारों लोगों ने सेवन किया है। जिसके कारण लोग दहशत में है तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लांगणा में एन्टी रेबीज वेक्सीन के टीके लगवा रहे हैं।

भेंस के रेबीज़ ग्रसित होने का शक
लोगों को शक है कि साथ खाने से भैंस में भी रेबीज के कीटाणु प्रवेश हो सकते हैं। बीते दो दिनों में लगभग डेढ़ सौ लोगों ने इंजेक्शन लगवा लिए है तथा अभी भी सैंकड़ो लोग इंजेक्शन लगवाने पहुँच रहे हैं। लेकिन इंजेक्शन खत्म होने के कारण कुछ लोग वंचित रह गए। सप्लाई आने के बाद उन्हें भी इंजेक्शन लगा दिए जाएंगे।

डॉक्टर न होने से परेशानी बढ़ी
स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर का तबादला होने के बाद यह केंद्र फार्मासिस्ट के सहारे रह गया है तथा ऐसी आपदा के समय इंजेक्शन लगाने के लिये बाहरी तकनीकी लोगों की सहायता लेनी पड़ रही है। कोढर गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है इस गांव के सभी मवेशियों को भी एन्टी रेबीज के टीके लगाये जाएं।

सीएमओ ने जारी किया बयान
"सूचना मिलते ही स्टोर इंचार्ज ओर चीफ फार्मासिस्ट  को आदेश कर दिए है चाहे जोगिंदर नगर या मण्डी से ,जितनी ए आर वी चाहिए शीघ्र उपलब्ध करवाई जाए - डॉ जीवानंद चौहान सी एम ओ मण्डी

डरने की जरूरत नही
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लांगणा में शीघ्र ही इंजेक्शन उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। जब भैंस ठीक है तो लोगों को वहम करने की जरूरत नहीं है। आर एल वालिया - चीफ फार्मासिस्ट सी एच सी लडभड़ोल  





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