22 October 2015

14 मार्च को सुबह 9 बजे निकाले जायेंगे सिमसा माता मंदिर के कुंड में रखे पत्थर रूपी बच्चे

लडभड़ोल : हजारों, लाखों निःसंतान दंपतियों की अटूट आस्था के प्रतीक माता सिमसा का दरबार में हर साल की भांति इस साल भी चैत्र नवरात्र महोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। मंदिर कमेटी प्रधान विनोद राय व सचिव सुरेश राय ने बताया कि चैत्र नवरात्र महोत्सव के लिये मंदिर कमेटी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

इस बार चैत्र नवरात्र 18 मार्च से प्रारंभ होंगें। नवरात्र आगमन से चार दिन पहले 14 मार्च बुधवार सुबह नौ बजे मंदिर में स्थापित माता सिमसा की मूर्ति (पिंडी) के समीप बने कुंड में रखे पत्थर रूपी बच्चों को निकाला जाएगा। मान्यता के अनुसार इन पत्थर रूपी बच्चों को साल में केवल दो बार चैत्र व शरद नवरात्र शुरू होने से पहले ही निकाला जाता है। और इन्हें गंगा जल से नहला कर तथा इनकी साफ सफाई कर पुनः कुंड में रख दिया जाता है। इन पत्थरी रूपी बच्चों को माता के बच्चे मानते हैं इन रंग बिरंगे बच्चों का आकार घटता-बढ़ता रहता है इनकी संख्या भी कम ज्यादा होती रहती है।

विनोद राय व सुरेश राय ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि बच्चों के दर्शन करने के लिये समयनुसार मंदिर पहुंच कर दर्शन कर वं पुन्य के भागी बने। लडभड़ोल के सिमस गांव में स्थित माता सिमसा साल में दो बार चैत्र व शरद नवरात्र महोत्सव के दौरान सूनी गोद भरती है। प्रदेश सहित कई दूसरे राज्यों की सैकड़ों निःसंतान दंपतियों ने माता के दरबार में संतान प्राप्ति का सुख पाया है।





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