हमारा लडभड़ोल भारत के 18वें राज्य हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले में आता है जो जोगिन्दरनगर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लडभड़ोल तहसील के तहत 17 ग्राम पंचायतें कोंलग, उटपुर, सिमस, रोपडी कलेहडू, तरेबली, खद्वर, दलेड, ममाण बनांदर , रोपडी, तलकेहड, पिहड वेहडलू, कथौण, गोलंवा, वाग,भडोल, उपरीधार व तुलाह है जिसमे लगभग 35 हजार लोग रहते है। लडभड़ोल के सभी लोग मिलजुल कर रहते हैं। यहां के अधिकांश ग्रामवासी किसान हैं। कठोर परिश्रम, सरल स्वभाव और उदार हृदय उनकी विशेषताएं हैं। यहां के गांव की प्राकृतिक छटा मन मोह लेती है।
दूर-दूर तक लहलहाते हुए हरे-भरे खेत और चारों तरफ रंग-बिरंगे फूल और उनकी फैली हुयी खुशबु मदहोश कर देती है। चारों तरफ चहचहाते हुए पक्षी मन मोह लेते हैं। सादगी और प्राकृतिक शोभा के भण्डार लडभड़ोल के गांवों की भी अपनी कथा है। आजादी के बाद लडभड़ोल के ग्रामीणों की दशा में कुछ सुधार हुआ है। सरकार की तरफ से भी काफी योजनायें चलाई गई। मगर आज भी इस तहसील के बहुत से गांव उपेक्षित हैं। इसके लिए सरकार को अच्छे कदम उठाने की जरूरत है। तभी गांव का जीवन और अच्छा बन सकेगा।
लडभड़ोल तहसील की सुन्दरता बढाने में सबसे ज्यादा सहयोग यहाँ ब्यास नदी व यह फैले पर्वतों का है जो सावन माह हरियाली बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। लडभड़ोल तहसील में तीन प्रसिद्ध मंदिर सिमसा माता, त्रिवेणी महादेव व कुड्ड महादेव है जहां पुरे भारत से श्रद्धालु आते है। लडभड़ोल तहसील के गाँवों मे ग्रामीण सेवा हेतु कुछ हद की प्राथमिक स्तर की मूलभूत सुविधाए उपलब्ध है। बिजली प्रसारण हेतु विधुत विभाग ने चलाहणु में पावर-हाउस संचालित किया हुआ है जिस से पूरे लडभड़ोल के साथ साथ आज़-पास के गाँवो मे भी बिजली की आपूर्ति की जाती है। लेकिन अफ़सोस लडभड़ोल तहसील अभी तक सही मायनों में एक आदर्श गाँव तहसील नही बन पायी है। इस तहसील को दुनिया के नक्शे पर सही ढ़ग से उभारने के लिए हम सभी को मिलजुल कर प्रयास करने पड़ेंगे।
22 October 2015
लडभड़ोल : एक तहसील जहां बसती है प्रकृति
loading...
Post a Comment Using Facebook