लडभड़ोल : एक तरफ जहां हाल ही में सम्प्पन हुए विधानसभा चुनावों में विभिन्न पार्टिया लडभड़ोल के विकास का ढोल पीट रही थी वहीं लडभड़ोल की कई लिंक सड़के ऐसी है जिनमे पैदल चलना भी सम्भव नहीं है। आलम यह है कि सड़कों की तरफ न तो प्रशासनिक अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और न ही स्थानीय विधायक। कई बार विभाग द्वारा बार-बार ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कुछ दिन बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। इससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गुलाणा से खोहर गांव लिंक सड़क की हालत खस्ता
लडभड़ोल तहसील के गुलाणा से खोहर गांव की ओर जाने वाले लिंक मार्ग की हालत इन दिनों काफी दयनीय बनी हुई है। स्थानीय लोगों धर्म सिंह, लाल सिंह, दान सिंह, अमर सिंह, गोपाल सिंह रचना, तारो देवी, कृष्ण सकलानी तथा अन्य लोगों का कहना है कि गुलाणा से खोहर गांव तक लगभग 3 किलोमीटर तक सड़क बनी हुई है। इसका निर्माण अभी कुछ वर्ष पहले हुआ है लेकिन सड़क की हालत काफी खस्ता हो चुकी है। अभी तक मार्ग की सुध नहीं ली गई है।
पैदल चलना भी हो रहा मुश्किल
ग्रामीणों ने कहा की अब सड़क पर हालात ऐसे बन गए हैं कि सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। उनका कहना है कि इस सड़क पर खोहर गांव के लोगों की आवाजाही लगी रहती है लेकिन इसकी खस्ता हालत ने सभी को परेशान करके रखा हुआ है। सड़क पर गड्ढों से गिरने का भय रहता है। स्थानीय लोगों ने लोक निर्माण विभाग से कई बार इस सड़क की जल्द मरम्मत करने की गुहार लगाई लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
अधिकारी ने पेश की सफाई
इस बारे में जब ठाणा खड़ सेक्शन के कनिष्ठ अभियंता जय गोपाल से बात की गयी तो उन्होंने कहा की यह जीप के योग्य कच्ची सड़क निकाली गई थी , जिसमें जेसीबी मशीन लगाकर वाहन के चलने योग्य बना दिया है तथा और भी कमी होगी तो उसे जल्द ही ठीक कर दिया जाऐगा।
कई सड़कों की हालत गरीब मुल्कों से भी बदतर
साहब ने तो औपचारिकता कर दी बयानबाज़ी की लेकिन उन्हें यह कोन समझाये की लडभड़ोल क्षेत्र के लोग भी टैक्स भरते है लेकिन यहां की सड़कों की हालत देखी जाए तो इनकी हालत कई गरीब मुल्कों की सड़क से भी बदतर स्थिति है। कई जगह तो सड़क और गड्ढ़ों में फर्क करना मुश्किल हो जाता है, ऐसी हालत जब आती है तो मुसीबत तो मुसाफिरों को ही होती है।
आखिर कब सुधरेंगे ये हालात
सिर्फ खोहर गांव ही नहीं लडभड़ोल की कई अन्य सड़कों का हाल बेहाल हो गया है। बदहाल सड़कों से लडभड़ोल के कई गांवों की जनता परेशान है। और ये कोई इस बार की बात नहीं है, करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी लडभड़ोल की हर साल की यही कहानी है। तो आखिर कब सुधरेंगी लडभड़ोल की सड़कें, कौन लेगा गड्ढों की जिम्मेदारी और आखिर कब ली जाएगी लडभड़ोल की सुध..?
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(Visuals From the Spot)
गुलाणा से खोहर गांव लिंक सड़क की स्थिति दयनीय
ऐसी जगह पैदल चलना भी मुश्किल
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