लडभड़ोल : प्रदेश सरकार की ओर से हाल ही में प्रस्तुत बजट की जिला परिषद सदस्य संजीव कुमार शर्मा ने कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बजट में जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के लिए किसी प्रकार की निधि का प्रावधान न करना पंचायती राज में तीन प्रणाली का पूरी तरह से मजाक है।
13वें वित्त में धन का प्रावधान था लेकिन 14वें में बिल्कुल भी नहीं है। जिला परिषद व समिति सदस्यों को जो भत्ता दिया जाता है वो मात्र 120 रुपये है जबकि एक मनरेगा में काम करने वाले मजदूर की दिहाड़ी भी 180 रुपये है।
माननीयों के मानदेय में बढ़ोतरी पर पक्ष और विपक्ष दोनों एकजुट हो गए और किसी तरह का कोई विरोध नहीं हुआ। पंचायती राज में जिला परिषद व समिति सदस्यों का कोई उचित स्थान नहीं है।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि इन विसंगतियों को खत्म कर दिया जाए। इन सदस्यों के पास काई भी निधि न होने से ये जनता के सामने भी नहीं जा सकते हैं।
22 October 2015
बिना निधि काम कैसे करवाएं जनप्रतिनिधि : संजीव शर्मा
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