लडभड़ोल : प्रदेश सरकार ने भले ही कर्मचारियों व अधिकारियों को समय से पहुंचने का फरमान जारी किया है, पर इसका असर लडभड़ोल के स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र में देखने को नहीं मिल रहा है। लडभड़ोल में चिकिस्ता व्यवस्था का क्या हाल है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वीरवार को जब लडभड़ोल क्षेत्र का एक युवक पेट दर्द की शिकायत लेकर लगभग दोपहर 1 बजे अस्पताल पहुंचा तो वहां पर ताला लटका मिला। अस्पताल में कोई भी स्टाफ का कर्मचारी मौजूद नहीं था।
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युवक ने बयान की अपना दर्द स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र लडभड़ोल में इलाज के लिए पहुंचे एक युवक ने लडभड़ोल.कॉम से बात करते हुए बताया की उन्हें पेट में तेज़ दर्द की दिक्कत है और वह इलाज के लिए अस्पताल पर आये थे, पर अस्पताल में कोई स्टाफ मौजूद न होने के कारण उनकी मुश्किलें अब काफी बढ़ गईं हैं। पूरा अस्पताल बंद है। विभागीय सूत्रों की मानें तो अवकाश के दिन भी अस्पतालों पर इमरजेंसी सेवा का प्रावधान है लेकिन यहां इमरजेंसी सेवा का कहीं कोई नामोनिशान नहीं है। पिछले कई महीनों से यहां डॉक्टर का पद भी रिक्त चल रहा है।
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यहां पूछने वाला कोई नहीं तो आख़िर अस्पताल के नाम पर लडभड़ोल में क्या चल रहा है। अस्पताल के नाम पर लोगों की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। वाल्मीकि जयंती पर पूरा अस्तपाल ही छुट्टी पर है। अवकाश के दिन इस तरह से अस्पताल को पूरी तरह बंद रखना कहाँ तक जायज है। अस्पताल के कर्मचारियों को शायद अपनी ज़िम्मेदारी का मतलब नहीं पता है क्योंकि यहां पूछने वाला कोई नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री ने हाल ही में लडभड़ोल क्षेत्र का दौरा किया था और अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने की बात की थी। फ़िलहाल वह सिर्फ बातें ही नज़र आ रही है।
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नाममात्र है सुविधाएं लडभड़ोल के इस अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं वैसे भी नाममात्र की ही है । कहने को तो यह CHC है लेकिन सुविधाएं शून्य के बराबर है । स्टाफ की कमी की मार झेल रहे इस अस्पताल में प्राथमिक उपचार के अलावा कुछ खास तो नहीं होता है लेकिन मरीजों को रेफरल स्लिप मिल जाने से आगे बडे, अस्पताल में इलाज करवाने में सुविधा रहती है। जब सारा अस्पताल स्टाफ ही गायब हो तो मरीज क्या करें।
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कैमरे में कैद की वीडियो पेट दर्द का इलाज करने अस्पताल आये युवक ने पुरे अस्पताल की वीडियो अपने मोबाइल में कैद की है जिसमे आप देख सकते है की अस्पताल में कोई स्टाफ मौजूद नहीं है। हद तो तब हो गयी जब इस मामले में खंड चिकित्सा अधिकारी ए.के. सिंह से बात की गयी तो उन्होने कहा की फ़िलहाल उन्हें मामले की जानकारी नहीं है और उन्हें स्टाफ नर्स से इस बारे में बात की तो पता चला की स्टाफ नर्स निजी चिकित्सा जाँच के चलते मंडी गयी है।
देखें वीडियो :
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