22 October 2015

इंटरनेट से पुरे भारत में प्रसिद्ध हुआ सिमसा माता मंदिर, कई राज्यों से नि:संतान महिलाएं पहुंची

लडभड़ोल : शरद नवरात्रों के चलते लडभड़ोल तहसील की प्रसिद्ध संतानदात्री माता सिमसा के दरबार में हजारों श्रद्धालु रोज़ाना माथा टेक रहे है। यहाँ पर रोज़ाना भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।

पूरा माहौल भक्तिमय
मंदिर में सुबह व शाम होने वाली आरती में स्थानीय लोगों बढ़चढ़ कर भाग ले रहे है जिससे पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ है। रोज़ाना सुबह से ही मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगती है और देर शाम तक मंदिर में श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है।


400 से 500 महिलाएं मां की तपस्या में लीन.. पढ़े..
युवक मंडल सिमस के सदस्यों ने बताया कि वैसे तो रोज़ाना ही मंदिर में लोग माथा टेकने आ रहे है लेकिन सातवें नवरात्रे के उपलक्ष्य में चार हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदिर में माथा टेक कर पूजा-अर्चना की। संतान प्राप्ति के लिए मंदिर परिसर में दूर-दूर से आयी करीब 400 से 500 महिलाएं मां की तपस्या में लीन है और बहुत सी महिलाएं संतान प्राप्ति का आशीर्वाद लेकर सिमसा माता की महिमा का गुणगान करते हुए वापिस अपने घर को जा चुकी है।

बाहरी राज्यों से ज्यादा आ रहे लोग
लडभड़ोल.कॉम से बात करते हुए युवक मंडल के सदस्यों ने बताया की आमतौर पर शरद नवरात्रों में चैत्र नवरात्रों की तुलना में कम भीड़ देखने को मिलती थी। लेकिन इंटरनेट में प्रसिद्ध होने के बाद अब पुरे भारत से निसंतान महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए मंदिर में पहुँच रही है। इस बार श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ कमी जरूर आयी है लेकिन संतान प्राप्ति के लिए आने वाली महिलाओं की संख्यां में भारी बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है। अब हिमाचल व् पंजाब के आलावा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के लोग मंदिर पहुँच रहे है। सुबह व शाम सिमसा माता मदिर में माता के भजन कीर्तन से भक्तिमय माहौल बना हुआ है।


संतान प्राप्ति का फल देती है माता सिमसा
मान्यता के अनुसार शरद व चैत्र नवरात्रों के दौरान मंदिर में स्थानीय लोगों के आलावा प्रदेश व अन्य राज्यों से भी नि:संतान महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए मां के चरणों में सोती है, जिन्हें स्वप्न में माता सिमसा संतान प्राप्ति का फल देती हैं। अब तक हजारों की संख्या में नि:संतान दंपत्तियों के घर में मां के आशीर्वाद से संतान की किलकारियां गूंज चुकी है। हर साल की तरह इस वर्ष भी शरद नवरात्रों में सैकड़ों महिलाएं मंदिर में संतान प्राप्ति की चाह लिए पहुंची हैं।





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