लडभड़ोल : लडभड़ोल तहसील में आप जहां भी नजर दौड़ाएंगे आपको कहीं भी मूलभूत सुविधाएं दूर-दूर तक नज़र नही आएंगी। भले ही प्रदेश सरकार यहां विकास के लाख दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। "शाइनिंग इंडिया" के साथ गाँवों के विकास का नारा यहाँ आज भी पूरी तरह से किताबी साबित हो रहा है। केंद्र में आज जब "सबका साथ सबका विकास" का नारे देने वाली बीजेपी की सरकार है तब भी इस तहसील के हालातों पर कुछ ख़ास बदलाव नज़र नहीं आया है।
लेकप्रियता ने तोड़े पैमाने
जोगिंद्रनगर में विधानसभा चुनाव की राजनीति में एक नया चेहरा जिस तरह से अपनी हैसियत दिखा रहा है उसने प्रमुख राजनीतिक दलों की चिंंता बढ़ा दी है। हम बात कर रहे हैं जोगिंद्रनगर विधानसभा में उभरते हुए नए चेहरे प्रकाश राणा की। मानो या मानो लेकिन प्रकाश राणा ने पुरे क्षेत्र में लोकप्रियता के तमाम पैमाने तोड़ दिए है। ये हम नहीं कह रहे है बल्कि उनकी चुनावी जनसभाओं में उमड़ती हुई भीड़ कह रही है। जहां भी उनकी कोई रैली या कार्यक्रम आयोजित होता है वहां हज़ारों की संख्या में लोग आते है। तो क्या यह बदलाव का संकेत है..?
लोगों की उम्मीदें जगीं
अब सवाल ये उठता है कि ऐसा क्या है कि लोग इतनी संख्या में उन्हें सुनने आने लगे.? सवाल ये है कि क्या प्रकाश राणा ने लोगों की उम्मीदें जगाई हैं..? क्या उनसे लोगों की उम्मीदें बंधी हैं..? फिलहाल तो कुछ ऐसा ही लग रहा है की प्रकाश राणा ने लोगों की उम्मीदों को पंख लगा दिए है। जो भी हो प्रकाश राणा के आक्रामक तेवरों ने प्रमुख राजनीतिक दलों को यह सोचने पर जरुर मजबूर कर दिया है की लोगों को अब उनसे से ही ज्यादा उम्मीद है।
शानदार राजनीतिक प्रबंधन
सबसे बड़ी बात यह रही कि जिसने भी इनपर कमेंट किये, उसके दिल में इन्होने जगह बना ली है। लडभड़ोल सहित पुरे जोगिंद्रनगर की जनता को उनसे ढेरों उम्मीदें हैं। उनका यह प्रयास काबिले तारीफ है। प्रकाश राणा का राजनीतिक प्रबंधन और जमीनी स्तर पर तैयारी भी उनकी छवि के लिए सकारात्मक सिद्ध हो रही है।
अब विरोधी भी करने लगे है तारीफ
15 अगस्त को पूर्व सैनिक सम्मेलन हो या हाल ही में सम्पन्न हुआ महिला सम्मेलन, इन कार्यक्रमों की उमड़ी भीड़ से साबित हो रहा है की बेहतर रणनीति से जनता की नब्ज पकड़ने में वह महारत हासिल कर चुके है। जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की फ़ौज और जनता जिस भाषा को समझती है उसी की भाषा में संवाद कर अपनी लोकप्रियता ऐसी सुरक्षित कर ली है कि अच्छे-अच्छे विरोधी भी उनकी तारीफ कर रहे हैं। स्थानीय जनता को ऐसे ही किसी नेता की तलाश थी जो पूरी होती दिख रही है।
विपक्ष लाचार
प्रकाश राणा की लोकप्रियता को देखते हुए पूरे विपक्षी खेमे एकदम बे-जवाब सा हो गया है। उसके पास नेता तो है लेकिन कोई एजेंडा नहीं है। कांग्रेस पार्टी की बेरुखी पिछले पांच सालों से जनता सहती आ रही है। वर्तमान विधायक सिर्फ महिला मंडलों का उद्घाटन करने में विश्वास रखते है। दरअसल कांग्रेस पार्टी व वर्तमान विधायक की इस दुर्गति के लिए काफी हद तक उनकी नकारात्मक राजनीति ही जिम्मेदार है, जिससे जनता का उसके प्रति विश्वास एकदम शून्य हो चुका है।
लगातार बढ़ रही लोकप्रियता
वहीं, प्रकाश राणा की सकारात्मक राजनीति लोगों को स्वाभाविक रूप से आकर्षित कर रही है। यही कारण है कि राजनितिक पृष्भूमि न होने के बावजूत प्रकाश राणा की लोकप्रियता लगातार बढ़ती ही नज़र आ रही है। ये बात अलग है कि कितनी भीड़ वोटों में तब्दील होगी..?
मनोबल को तोड़ने के भी हुए प्रयास
हालांकि प्रकाश राणा के मनोबल को तोड़ने के प्रयास समय-समय पर होते रहे है चाहे व्हाट्सप्प पेपर लीक करने का मामला हो या पैसों की राजनीती करने का लेकिन इन बेवजह उठाये गए मुद्दों को कुछ समय पर सफलतापूर्ण खत्म कर दिया गया। लेकिन आप यह झुठला नहीं सकते की जोगिंद्रनगर विधानसभा की जनता प्रकाश राणा को एक नायक के रूप में देख रही है।
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बनांदर में आयोजित महिला सम्मेलन के दौरान
इस सम्मेलन में महिलाओं की भारी भीड़ उमड़ी
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