हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के घुमारबी मे आज ह्यूमन राइट की टीम ने एक महिला को आज़ाद कराया, महिला दिमागी रूप से बीमार थी और उसके पति और ससुर ने उसे लगभग 10 वर्षों से एक अंधेरे कमरे मे बंद करके रखा था | महिला इसी छोटे से कमरे के बीच पेशाब और शौच कर देती थी लेकिन उसको वर्षों से हटाया नही गया था |
जिस कमरे मे महिला को रखा गया था बह पशुओं को रखने की जगह थी और महिला को एक टूटे फुट बिस्तर पर वर्षों से रखा गया था, महिला को कई वर्षों से बाहर भी नही निकाला गया था, महिला का पति लोक निर्माण बिभाग मे कार्यरत है इसके दो बेटे हैं एक अध्यापक और दूसरा आर्मी मे है, इसके बाब्जूद यह महिला इस नारकीय जीबन जीने को मजबूर थी |
ह्यूमन राइट के अधिकारियों को इसका पता चला तो उन्होने स्थानीय पुलिस को लेकर इसके कमरे का ताला तूडबाया ..कमरे मे चारों तरफ सौच फैला हुआ था , अधिकारियों ने इस सारे मल को धोया, और महिला को अस्पताल मे भारती कराया | महिला के पति और बेटे सभी सरकारी बिभाग मे कार्यरत हैं लेकिन इस सब के बाब्जूद किसी ने उसकी सुध नही ली, उसे कभी बाहर नही निकाला जाता था, दरबाजे मे एक टूटे से हिस्से से उसके लिए खाना ऐसे फेंका जाता था जेसे जानबरों को दिया जाता है|
घटना हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के घुमारवीं की है, घुमारवीं से लगभग आठ किलोमीटर दूर गाँव फटोह में यह जघन्य अपराध इतने वर्षों से होता रहा और समाज मूक दर्शक बना रहा, आज भी उसके पति और ससुर को अपने किये पर कोई पश्चाताप नहीं नहीं है |
उनका कहना है की यह शादी से पहले ही मानसिक रूप से ठीक नहीं थी, और शायद ये लोग उसको इसी की सजा दे रहे थे, लेकिन महिला के बेटे मानसिक रूप से ठीक हैं , लेकिन उन्होंने कभी घर आकर अपनी मान का हाल तक नहीं जाना |
22 October 2015
शर्मनाक : मानवता की सारी हदें तोड़ दी इस औरत के बच्चों ने , 10 साल तक रखा एक बंद कमरे में
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