22 October 2015

1 करोड़ 25 लाख खर्च करके एक क्विंटल चांदी से चमकेगा सिमसा माता मंदिर, काम शुरू

लडभड़ोल : लडभड़ोल तहसील के प्रसिद्ध संतान दात्री शारदा माता सिमसा मंदिर को अब चांदी से सजाया जाएगा। मंदिर के गर्भगृह में चांदी से सजावट का काम शुरू हो गया है। करीब एक करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से मंदिर के स्वरूप को निखारा जाएगा। मंदिर विकास कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार भट्ट ने बताया कि तीन माह पहले इसके लिए प्रस्ताव पारित किया गया था।

100 किलो चांदी से सजेगा मंदिर का गर्भगृह
मंदिर के गर्भगृह में लकड़ी की पैनलिंग का काम पूरा कर लिया है। करीब 100 किलो चांदी से मंदिर के गर्भगृह को सजाया जाएगा। पालमपुर के बनूरी के एक श्रद्धालु ने दो किलो 300 ग्राम चांदी भी भेंट की है, जबकि बाकि की चांदी की खरीद मंदिर विकास कमेटी के सदस्य करेंगे।

मंदिर में किये गए कई विकास कार्य
इससे पहले श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए 20 कमरों की सराय बनाई जा चुकी है। 12 शौचालय व 10 स्नानागारों सहित दो बड़े हाल भी बनाए गए हैं। खुले में आराम करने के लिए पार्क भी बनाया जा रहा है, जबकि संतान प्राप्ति के लिए पहुंच रही महिलाओं के स्नान के लिए मंदिर के साथ बावड़ी को विकसित किया गया है। करीब 2.5 किलोमीटर तक बावड़ी तक पहुंचने के लिए कंकरीट सीमेंट के रास्ते का निर्माण कार्य भी पूरा किया जा चुका है। अब तक करोड़ों रुपये के विकास कार्य मंदिर में किए जा चुके हैं।

मंदिर का इतिहास
मान्यता है कि हजारों वर्ष पहले सिमस गांव के कुछ लोग जंगली फल व सब्जी की खोदाई के लिए जब जमीन में खोदाई कर रहे थे तो जमीन में एक बड़ी शिला सामने आई। गांववासियों ने जब उस शिला पर औजारों के साथ चोट की तो पहली चोट से पानी, दूसरी चोट से दूध और तीसरी से खून की धाराएं निकलना शुरू हो गई, जिसे देखकर गांववासी हैरान रह गए। गांव के लोगों को उसी रात स्वप्न में शारदा माता दिखाई दीं। बाद में गांववासियों ने इस चमत्कारी शिला को सिमस गांव में स्थापित किया और पूजा-अर्चना के बाद सिमस गांव में मंदिर की स्थापना की गई। जम्मू-कश्मीर के पुजारी द्वारा इस शिला की पहली पूजा-अर्चना की गई थी।





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