लडभड़ोल/लांगणा : एक तरफ तो देश के प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत यह निर्णय लिया गया हैं कि हर गांव, नगर, शहर गंदगी से मुक्त हो, इसके लिऐ स्वच्छ भारत अभियान चला कर सफाई पर विशेष जोर दिया जा रहा है। जिसके विज्ञापन सतत टेलीविजन, समाचार पत्रो, रेडियों से लेकर प्रचार प्रसार के हर माध्यम पर प्रसारित किये जा रहे हैं। जिसमें करोड़ो रूपयो का व्यय भी सरकार मात्र इसलिए कर रही है कि यह स्वच्छता अभियान सफल हो सके। परंतु ऐसा लगता है ग्राम पंचायत लांगणा इस बात से सबक नहीं लेना चाहती। स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियाँ कैसे उड़ाई जाती हैं यहां आकर देख सकता हैं।
सड़क के किनारों को ही बना दिया कूड़े-दान
लांगणा के लोगों को सफाई का न तो मंत्र समझ में आ रहा है, ना ही जगह-जगह बिखरा हुए कूड़ा कचरा नजर आता है। पंचायत के विभिन्न गांव व मार्किट में ना तो कूङेदान है ना ही कूड़े को ठिकाने लगाने की कोई व्यवस्था है। हांलाकि लांगणा बाजार में लगभग 6 वर्ष पहले कूड़ेदान बनाया गया था लेकिन अब उसका नामोनिशान भी मिट चुका है। अब हालात यह है कि लोगो ने नालियों व सड़क के किनारों को ही कूड़े-दान बना दिया है।
सफाई के नाम पर बरती जा रही घोर लापरवाही है
प्रशासन के उदासीन रवैईये के कारण स्वच्छ गांव गन्दगी के ढेर में तबदील हो रहे है। यहां सफाई के नाम पर घोर लापरवाही बरती जा रही है। प्रतिबंध के बावजूद खुले में कूड़े को जलाकर नियमो की अवहेलना की जा रही है। लांगणा बाजार में इतनी गंदगी है तो अनुमान लगाया जा सकता है की इस लांगणा के गाँव कितने स्वच्छ होंगे। लांगणा को देखकर ऐसा लगता है मानो महात्मा गांधी का सपना कभी भी यहां पूरा नहीं होगा।
युवा विकास मंच लांगणा ने की कूड़ेदान बनाने की मांग
सफ़ाई के नाम पर सिर्फ़ खाना पूर्ति ही होती है। होटलों और दुकानों का कचरा नालियों में डाला जाता है। इलाक़े में इस हालत के लिए कहीं न कहीं स्थानीय लोग भी ज़िम्मेदार हैं। युवा विकास मंच लांगणा के सदस्यो ने प्रशासन से मांग की है कि मार्किट व गांवो में कूड़ेदान बनाये जाये व कूङे को ठिकाने लगाने की व्यवस्था की जाए।
यह फोटो लांगना बाजार की है जिसमे कूड़े को सरेआम जलाया जा रहा है
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