लडभड़ोल : लडभड़ोल अस्पताल इन दिनों रामभरोसे ही चल रहा है। यहां पर एक भी डॉक्टर नहीं है। इस अस्पताल को नर्सों के सहारे पर ही छोड़ दिया गया है। करीब 17 पंचायतों के लोग अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ के लिए आते हैं।
एक के बाद सारे डॉक्टरों का तबादला
पिछले वर्ष इस अस्पताल मे तैनात डॉक्टरों का तबादला एक के बाद एक कर दिया गया। लेकिन उनके स्थान पर कोई भी दूसरा डॉक्टर तैनात नहीं किया गया। उसके बाद ये अस्पताल केवल एक डॉक्टर के सहारे ही चल रहा था लेकिन अब यह डॉक्टर भी अब यहां से चला गया है।
नर्सें कर रही मरीजों का इलाज़
कहने को तो यहां पर बीएमओ भी बैठते हैं लेकिन वे लडभड़ोल के बजाए लांगना में रहना अधिक पसंद करते हैं। लोगों को आपतकालीन सेवाएं भी नहीं मिल रही हैं। अस्पताल में नर्सें ही मरीजों की जांच करके उन्हें दवाइयां दे रही हैं।
आंदोलन की चेतावनी
अस्पताल की इस हालत को देखते हुए जिला परिषद सदस्य संजीव शर्मा, प्रधान व्यापार मंडल लडभड़ोल रणवीर ठाकुर, ग्राम पंचायत ममाण-बनांदर प्रधान खेम सिंह भाटिया, ग्राम पंचायत कथोंण प्रधान लालमण सघोत्रा, पूर्व प्रधान सतीश ठाकुर, उप प्रधान कल्याण सिंह ठाकुर आदि ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि 15 दिन के भीतर यहां डॉक्टर की तैनती नहीं होती है तो आंदोलन किया जाएगा।
22 October 2015
अंधाधुंध विकास : सिर्फ नर्सों के सहारे चल रहा लडभड़ोल अस्पताल, एक भी डॉक्टर नहीं
loading...
Post a Comment Using Facebook