22 October 2015

खद्दर में मज़दूरों का प्रदर्शन छठे दिन भी जारी, पूरा काम ठप्प लेकिन कम्पनी के अधिकारी चुप

लडभड़ोल : ऊहल प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन संबधित सीटू के मज़दूरों द्वारा अपने वेतन व ईपीएफ की स्टेटमेंट के लिए खददर में चल रहा धरना प्रदर्शन छठे दिन में पहुंच गया है। मज़दूरों द्वारा धरना प्रदर्शन करने के बावजूत कंपनी का कोई भी अधिकारी इन मज़दूरों से बात करने को तैयार नहीं है। मज़दूर आज कंपनी के प्रबंधन कार्यालय का घेराव करेंगे।

कंपनी उड़ा रही श्रम कानूनों की धज्जियां
यूनियन के प्रधान टेक सिंह व सचिव राजन ने कंपनी पर आरोप लगाया कि कंपनी हर महीने श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा रही है। उन्होंने कहा कि श्रम कानून के तहत मजदूरों का वेतन भुगतान महीने की सात तारीख से पहले-पहले होना चाहिए, मगर कंपनी मजदूरों का वेतन भुगतान महीने के आखिरी सप्ताह करती है।

कई बार पत्र लिखने पर भी कम्पनी नहीं करती सुनवाई
यूनियन ने पिछले कई महीनों से पत्र के माध्यम या बैठक करके कहा कि मजदूरों को वेतन भुगतान समय पर किया जाए। यूनियन ने कई बार ईपीएफ के बारे में भी पत्र के माध्यम से सूचित किया, लेकिन कंपनी ने फिर भी फरवरी व मार्च माह का पैसा जमा नहीं किया और न ही मजदूरों को ईपीएफ की स्टेटमेंट मिल रही है, जिस कारण मजदूरों में भारी रोष है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि शीघ्र मजदूरों को वेतन भुगतान व ईपीएफ का पैसा जमा नहीं किया गया तो संघर्ष तेज किया जाएगा।

431 करोड़ का बजट था खर्च क्र दिए 1280 करोड़
मात्र 431 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से बनने वाली प्रदेश बिजली बोर्ड की 100 मेगावाट की उहल परियोजना की अनुमानित लागत अब 1280 करोड़ से भी अधिक हो गई है। पिछले 14 सालों में यह परियोजना सरकार को लागत में ही 850 करोड़ से अधिक का चुना लगा चुकी है। यदि उत्पादन घाटे का अनुमान लगाया जाये तो आंकड़ा 2000 करोड़ से भी अधिक है।


खद्दर में प्रदर्शन करते हुए मज़दूर
खद्दर में प्रदर्शन करते हुए मज़दूर -2




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