लडभड़ोल : वॉलीबाल में अगर मैच रेफरी की बात करें तो हमारे दिमाग में हाथ में सिटी बजाते हुए पोल के पास रेफरी की छवि बन कर सामने आ जाती है। अन्य खेलों की तरह वॉलीबाल में भी रेफरी का निर्णय सर्वमान्य होता हैं। उसके फैसले पर पूरा खेल निर्भर होता है। वॉलीबाल के मैदान में इनका बेहद सम्मानजनक रुतबा होता है। वॉलीबाल के मैदान में दो रेफरी फैसले देने के लिए होते है जो समय-समय पर आपस में सही फैसले के लिए आपस में विचार विमर्श किया करते हैं। लेकिन कभी-कभी इनके एक फैसले से विवाद खड़ा हो जाता है और इनके द्वारा दिए गए एक गलत फैसले से टीम की हार व जीत निर्भर करती है।
बनान्दर में लगी गलत फैसलों की झड़ी
लडभड़ोल के बनान्दर में चल रही वॉलीबाल प्रतियोगिता में बसोना व ऊटपुर के बीच सेमीफइनल मैच में रेफरियों द्वारा एक के बाद एक गलत निर्णय दिए गए। बसोना व ऊटपुर टीम में कांटे की टक्कर चल रही थी। पूरा बनान्दर ग्राउंड दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। इसी बीच मैच का पहला से ऊटपुर ने जीत लिया। दूसरे सेट में मैच रेफरी द्वारा गलत निर्णय देने का सिलसिला शुरू हुआ।
रेफरी ने महत्वपूर्ण मौकों पर गलत निर्णय दिए
दूसरे सेट के अंत में जब स्कोर अंत में बिल्कुल बराबर पहुंच गया था तब रेफरी ने कोर्ट के अंदर गिरे बॉल को आउट करार दे दिया हालाकिं यह साफ दिख रहा था की वॉल कोर्ट के अंदर ही गिरी थी। निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुके मैच में इस निर्णय से खलबली मच गयी। सभी दर्शकों ने गलत निर्णय देने के लिए रेफरी के खिलाफ हूटिंग शुरू कर दी। ऊटपुर टीम के खिलाडियों द्वारा आपत्ति दर्ज़ करवाने के बावजूत निर्णय बदला नहीं गया। इस तरह बसोना टीम ने यह सेट जीतकर स्कोर 1 -1 से बराबर कर दिया।
कमेटी के सदस्यों खुद स्वीकार किया की मैच में हुए गलत निर्णय
अन्य सेटों में ऐसे विवादस्पद निर्णय बसोना के पक्ष में दिए गए। कई बार मैच बंद हुआ। कई बार मैच में मेला कमेटी के सदस्यों को दखल देना पड़ा। कमेटी के सदस्यों खुद स्वीकार किया की मैच में सरेआम गलत निर्णय दिए जा रहे है। इन्ही गलत निर्णयों का खमियाजा ऊटपुर टीम को हारकर चुकाना पड़ा। इसी जीत के साथ बसोना टीम ने इस प्रतियोगिता के फाइनल में प्रवेश पा लिया।
रेफरी नहीं थे ज़रा भी चौकस
खेल के निर्णय में रेफरी की अहम भूमिका होती है लेकिन इस मैच के दौरान दोनों रेफरी जरा भी चौकस नज़र नहीं आये। उसकी निगाहें खिलाड़ियों की हरकत पर नहीं थी। ऐसा लग रहा थे मानो रेफरी भी मैच देखने आये हों। दोनों के निर्णय आपस में मेल नहीं खा रहे थे। दोनों रेफरी को यह पता होना चाहिए था की उसके निर्णय पर ही मैच का परिणाम निर्भर है।
कफ्तान ने बयान किया अपना दर्द
लडभड़ोल.कॉम से बात करते हुए ऊटपुर टीम के कफ्तान ने बताया की हमारे पास जितने का मौका था लेकिन मैच में महत्वपूर्ण मौकों पर रेफरी ने कई ख़राब निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि बहुत निराशा हुई है। निश्चित रूप से गलत निर्णय देने से मोमेंटम शिफ्ट हुआ। उन्होंने कहा कि रेफरी के बहुत से फ़ैसले हमारे पक्ष में नहीं रहे जोकि बहुत महंगे साबित हुए। उन्होंने मेला कमेटी को सुझाव दिया की जिस टीम का मैच हो उस टीम के गाँव के निवासी व्यक्तियों को रेफरी नहीं खड़ा करना चाहिए था। आपको बता दे की इस मैच में एक विवादास्पद रेफरी बसोना के पास स्थित एक गाँव से था।
खिलाडियों ने दिखाई जबरदस्त खेल-भावना
वैसे तो ऐसे विवादित मुकाबलों के दौरान खिलाडियों के आपस में उलझ जाने के तमाम किस्से आपने सुने होंगे लेकिन इस मैच में ऊटपुर व बसोना के खिलाडियों ने जबरदस्त खेल भावना दिखाई। कई ऐसे मौके आये जब गलत निर्णयों के कारण माहौल काफी गर्म हो गया था लेकिन दोनों टीमों के खिलाडियों ने एक दूसरे के प्रति खेल भावना दिखाई और दर्शकों के सामने हीरो बनकर उभरे। रेफरी के विवादस्पद निर्णयों के बीच एक दूसरे के साथ बिना उलझे मैदान पर खेल भावना को दिखाकर दर्शकों का मन मोह लिया।
मैच की वीडियो देखें
22 October 2015
बनांदर में ऊटपुर को 3-1 से हराकर बसोना ने किया फाइनल में प्रवेश
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