लडभड़ोल : लडभड़ोल तहसील में स्थित तुलाह पंचायत के लोगों ने प्रधान व वार्ड सदस्यों द्वारा IRDP व PDS की समीक्षा व चयन को लेकर धांधली का आरोप लगाया है। एक अख़बार में छपी के अनुसार 10 फरवरी 2017 को हुई आम सभा में धांधली व तानाशाही का पर्दा उस समय उठा जब स्थानीय निवासी चमेल सिंह ने RTI में इस मामले की पूरी जानकारी ली।
चहेतों व रिशतरेदारों का किया चुनाव
स्थानीय लोगों का कहना है की ग्राम पंचायत तुलाह के प्रधान व सभी वार्ड सदस्यों ने तानाशाही की सारी हदें पार कर दी है। उन्होंने गलत तरीके से पंचायत की कार्यवाही कर अपने चहेतों व रिशतरेदारों का चुनाव कर दिव्यांगों, बेसहारा व गरीब विधवाओं को सूची से बाहर कर दिया। कई तो ऐसे लोगों को भी चुन लिया गया है जिनकी लाखों की प्रोपर्टी है और वह अच्छी नोकरी पेशे वाले है।
RTI में हुआ खुलासा
लोगों का कहना है की 10 फरवरी को आमसभा के आयोजन में 150 लोगों ने हिस्सा लिया था लेकिन आमसभा की कार्यवाही 40-50 व्यक्तियों की मोजुदगी में बन्द कमरे में की गयी। लोगों का कहना है की जब हंगामा बढ़ा तो पंचायत प्रतिनिधियों ने ये कह कर शांत करवा दिया की IRDP व PDS में कोई खास बदलाव नही किया गया है। सिर्फ चार-पांच लोगों की ही फेरबदल की गयी है। लेकिन RTI में खुलासा हुआ है की पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने चहेते ही चुने है। अपँग, बेसहारा व गरीबों को भी सूचि से बाहर कर दिया गया है। उनकी हालत बहुत दयनीय है
अपाहिज़ व गरीब को भी नही बख्सा
कोठी गाँव के निवासी तारा चंद जिसकी एक बाजू काम करते हुए मशीन में आ गयी थी जिससे वह अपाहिज़ हो गया था। तारा चन्द की पत्नी की मृत्यु हो चुकी है। एक बेटा है जो बीमारी से ग्रस्त है और उसका इलाज़ चल रहा है। बेटी अभी पढ़ाई कर रही है। तारा चन्द बड़ी मुश्किल से दिहाड़ी लगाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा है लेकिन पंचायत सदस्यों ने इसे भी IRDP की सूची से बाहर निकाल दिया।
खून चूसते है ये नुमांइदे
लोगों ने आरोप लगाया की तुलाह पंचायत को पिछड़ी पंचायत का दर्ज़ मिला हुआ है। यहां बड़ी मुश्किल से लोगों को अपना जीवन यापन करना पड़ता है ऊपर से जो हमारे ये नुमाइंदे बने है यह हमारा खून चूसते है। वह राजनितिक भेदभाव करते है। एक वार्ड पंच को छोड़कर सभी वार्ड पंच भी IRDP की सूचि में शामिल है।
प्रधान ने नकारे आरोप
जब ग्राम पंचायत प्रधान से इस बारे में बात की गयी तो उन्होंने कहा की 10 फरवरी को आयोजित की गयी आमसभा में कोई धांधली नही हुई है। इस दौरान जिसका भी चुनाव किया गया या जिसको भी चुनाव से बाहर किया गया वह सब लोगों की सहमति से हुआ है। IRDP से उन लोगों को बाहर किया गया है जिन्हें हर सुविधा मिल चुकी है या उन्हें 20-22 साल हो चुके है। मेरे ऊपर लगाए गए आरोप गलत है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से की शिकायत
लोगों ने इस चयन को रद्द करने तथा पात्र व्यक्तियों को सूचि में शामिल करने की शिकायत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पंचायती राज मंत्री, DC मंडी, SDM जोगिन्द्रनगर व विकास खण्ड अधिकारी चौन्तड़ा से कर दी है।
22 October 2015
तुलाह पंचायत का कारनामा, IRDP की सूची से अपंग, बेसहारा व गरीबों को किया बाहर
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