22 October 2015

लडभड़ोल बाजार में बेतरतीब खड़े वाहनों से जाम हुआ आम, पुलिस कुंभकर्णी नींद में

लडभड़ोल : 18 पंचायतों के मुख्यालय लडभड़ोल में जाम लगना अब आम बात हो गई है। लडभड़ोल बाजार में शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जिस दिन बाजार में कोई जाम न लगे। जिसका जहां मन चाहता है, वहां पर गाड़ी खड़ी कर देता है। बाजार में लगने वाले जाम से लोगों का बुरा हाल है। यहां रोज़ शाम को 4 से 6 बजे तक भारी जाम लग रहा है। एक तो व्यस्त मार्ग, ऊपर से पार्किंग की कोई व्यवस्था न होने से यहां के लोगों को परेशानी हो रही है।

लडभड़ोल की मार्केट में आने वाले लोग अपने वाहनों को सड़क पर बेतरतीब खड़ा कर देते हैं। इससे शाम के समय मुख्य बाजार पर भारी जाम लगने लग जाता है। लडभड़ोल.कॉम से बात करते हुए कुछ दुकानदारों ने कहा कि ऐसा पार्किंग व्यवस्था न होने से होता है। नो पार्किंग एरिया का सूचना पट्ट भी नहीं होने से लोगों को रोजाना परेशानियों से दो चार होना पड़ता है।

लडभड़ोल मार्केट में सड़क के दोनों तरफ करीब 80 से अधिक दुकानें हैं। इस कारण यहां बड़ी तादाद में ग्राहक आते हैं। लेकिन इस उनके वाहनों को पार्क करने की कोई भी व्यवस्था नहीं है। दुकानदारों का कहना है कि सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करना मजबूरी है। लडभड़ोल में आस-पास कहीं भी इतनी बड़ी जगह नहीं है, जहां गाड़ियों को पार्क किया जा सके। सबसे अधिक परेशानी बेतरतीब तरीके से खड़े किए गए वाहनों से ही होती है। लोग यही चाहते हैं कि वे उसी जगह गाड़ी पार्क करें, जहां से सामान लेना है और यही वाहन जाम का कारण बन रहे हैं।

हालाँकि लडभड़ोल की नई मार्किट में वाहन पार्क करने के लिए काफी स्थान उपलब्ध है, लेकिन वाहन मालिक नई मार्किट में वाहन पार्क करने की जहमत न उठाते हुए सड़क किनारे हर कहीं वाहन पार्क कर देते हैं। दुकानदार भी अपनी गाड़ियां और टेंपो को अपनी दुकानों के सामने पार्क कर देते हैं जिसके कारण भी जाम लग जाता है। लडभड़ोल पुलिस भी वाहनों को हटाने की जहमत नहीं उठाती। ट्रैफिक जाम की समस्या लडभड़ोल में दिन-प्रतिदिन गहराती जा रही है।

स्थानीय लोगों का मानना है कि पुलिस को पार्किंग के लिए बाजार से बाहर कुछ स्थान चिह्नित करने चाहिए ताकि आवागमन में किसी प्रकार की बाधा न आए। इसके अलावा बाजार में वाहन खड़े करने वालों को दंडित किया जाना चाहिए।

यातायात व्यवस्था को सुधारने पुलिस में रूचि नहीं
लडभड़ोल पुलिस के द्धारा यातायात व्यवस्था के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए गृह रक्षकों की तैनाती तो बाजार में कई सालों से कर रखी है परंतु इस व्यवस्था को सुधारने के लिये कोई ठोस कदम आज तक नहीं उठाया। पुलिस अपनी कुंभकर्णी नींद में सो गयी जिससे यह लगता है कि लडभड़ोल पुलिस में यातायात व्यवस्था को लेकर विशेष रूचि नहीं है। जाम से ‘कराह’ रहे लोगों में इसी को लेकर प्रशासन के प्रति रोष है। वक्त रहते इसका हल नहीं निकाला गया तो हालात और बिगड़ सकते हैं।





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