लडभड़ोल : लडभड़ोल तहसील के भगेहड़ गाँव में आज भी कुछ ऐसी बुनियादी सुविधाएं और विकास कार्य बाकी है। जिसके बिना गांव के विकास अधूरे जैसे दिखते है। ग्रामीणों की इन समस्याओं के समाधान के लिये सिर्फ जनप्रतिनिधियों के आश्वासन तो मिलते है लेकिन अमल नही किया जाता। गांव के अधिकतम ग्रामीण आज भी सिर्फ फरियाद की जिन्दगी झेल रहे है।
हमारे एक पाठक ने हमे एक मेल भेजी है जिसमे उन्होंने अपने गाँव की स्थिति के बारे में हमे अवगत करवाया है | लेखक का नाम गुप्त रखा गया है|
....मैं लडभड़ोल के भगेहड़ गाँव का निवासी हूं और में अपने गांव भगेहड़ की वर्तमान स्थिति को आपके सामने व्यक्त करना चाहता हूं| मेरा उद्देश्य / विचार किसी भी व्यक्ति को व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाना नहीं है लेकिन हाँ मैं कुछ तथ्यों को आपके सामने लाने की कोशिश करूँगा ताकि आप खुद उनका विश्लेषण कर सके | कम से कम इन तथ्यों के बारे में आपको तथा हमारी आने वाली पीढ़ी को जरूर पता होना चाहिए ।
में आपके सामने कुछ तथ्य रखने जा रहा हूं ताकि आप लोगों को अंदाज़ा हो सके की हम कहाँ रह रहे है, क्या कर रहे है , हमारा ज़ीने का तरीका कैसा है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह की हम लोग पिछले 30 साल से राजनीति के इन पुराने रोगों से पीड़ित है जिसकी वजह से हम लोग अभी भी एक गरीब मजदूर की तरह अपना ज़ीवन जीने को मज़बूर है | आखिर क्यों ?
लडभड़ोल तहसील का एक गाँव :-
भगेहड़ : आबादी 500+
साक्षरता दर : 40%
घर : 200 से ज्यादा
पिछले 30 वर्षों से नेता हम लोगों पर राज कर रहे है और वो अभी तक अपना राज हम लोगों पर थोप रहे है । क्योंकि हम लोग मुर्ख है और क्यों मुर्ख है क्योंकि ये नेता हम लोगों को सपने दिखाते है और वास्तव में वो सपने आजतक कभी पुरे हुए ही नही है | हम लोग खुद कठिन परिश्रम करके अपने लिए रोटी पानी की व्यवस्था करते है | सरकार को हमारे जीने या मरने से कोई फर्क नही पड़ता |
हम लोग हमेशा भूमि विवाद के लिए लड़ते है और लड़े भी क्यों ना.. हमारे पास इसके अलावा लड़ने के लिए कुछ बचा भी तो नही है | और जिस भूमि के लिए लड़ते है वो भी बंज़र होने की कगार पर है | हमारे पास सड़क सुविधा, स्कुल , उचित शिक्षा, महिला सशक्तिकरण आदि कुछ भी नहीं है। हम लोगो आसानी से इन नेताओं की बातो में विश्वास करते हैं, क्योंकि अगर हम इनके खिलाफ आवाज उठाये या इनकी आलोचना करे तो ये हमारी आवाज को दुबारा उठाने लायक नही छोड़ते |
भगेहड़ गांव के लिए लगभग आठ वर्ष पूर्व सड़क बनाई गयी थी जिसे पूर्व विधायक श्री सुरेंदर पाल ने बनवाया था और में उनका नाम लेने से ज़रा भी नही असहज महसूस नही करूँगा जिन्होंने हमारे भगेहड़ के लिए यह काम करके दिखाया है | सड़क सुविधा नही होने से यहाँ लगभग 100 से अधिक लोगों ने उपचार के आभाव में अपनी जान गवाई है | अब हमारे पास सड़क तो है लेकिन उनमे चलने के लिए बसें नही है जो हमे बैजनाथ या जोगिन्दरनगर से जोड़ सके | शुरू में सड़क बनते ही बसे शुरू करवा दी जाती है लेकिन कुछ ही महीनों में सब बन्द हो जाता है | आज भी हमारे गाँव में कोई बस सुविधा नही है |
सड़क पर उचित रेलिंग नही लगी है जिस करना दिन-प्रतिदिन हादसे बढ़ रहे है | पिछले साल दिसम्बर में भगेहड़ में 7 लोगों ने कार हादसे में अपनी जान गवाई थी लेकिन सरकार ने अभी भी इस और कोई ध्यान नही दिया है |
यहाँ स्कुल तो है लेकिन स्कूलों में पढ़ाने के लिए अध्यापक नही है | स्कूल में फर्नीचर की हालत बहुत खराब है | बारिश में बच्चों को छुट्टी कर दी जाती है | छुट्टी के अलावा दूसरा कोई विकल्प नही है |गर्मियों में पूरा भगेहड़ गाँव पानी की बून्द बून्द को तरसता है | पानी के लिए कोई सही सुविधा नही है |
पिछले कुछ समय में यहाँ कई चोरी की घटनाये हुई | हमने इसकी FIR भी पुलिस में करवाई लेकिन आजतक कोई कारवाई नही हुई |
मंत्री यहाँ सिर्फ मतदान के समय आते है और लोगों के सामने झूठे वादे करके मुर्ख बनाकर चले जाते है | मुझे नही पता की नेता काम क्यों नही करते और ना ही हमारे लोग इनसे पूछते है की काम क्यों नही किया | मैंने कई गाँव ऐसे देखे है जो आज पूरी तरह से विकसित हो चुके है लेकिन भगेहड़ विकास से अभी बहुत दूर है | आज़ादी के 70 गुज़र गए लेकिन अभी भी हमारे गाँव पिछड़े हुए गावों में गिने जाते है | आप यह खबर लडभड़ोल.कॉम वेबसाइट पर पढ़ रहे है |
यहाँ के लगभग 80% लोग हिमाचल से बाहर रहकर अपनी कड़ी मेहनत से रोज़ी रोटी कमाते है | यहाँ लोग कई गंभीर बिमारियों से पीड़ित है और वह यातायात सुविधा ना होने से समय से पहले ही अपनी जान गवा देते है | सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओ के बारे में जागरूक करने के लिए कोई व्यवस्था नही है |
अंत में यही कहना चाहूंगा की लोगों को हो रही असुविधाओ के लिए जितना ये नेता जिमेवार है शायद हम भी उतने ही जिमेवार है | अगर इन्हें जल्दी सुधारा नही गया तो ये हालात बदलने वाले नही है |
नोट : यह लेखक की निजी राय है I लडभड़ोल डॉट कॉम लेखक की इन बातो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता ।
22 October 2015
भगेहड़ गाँव की बदहाली की कहानी, वहां के निवासियों की जुबानी
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