22 October 2015

मंडी के पास निजी बस ब्यास में गिरने से 14 लोगों की मौत, कई लोग घायल

मंडी : मंडी में हुए बस हादसे में 14 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि कई लोग जख्मी हुए हैं। हादसा मंडी के पास हुआ। जहां मंडी से कुल्लू आ रही एक निजी बस बिंद्रावणी के पास ब्यास नदी में गिर गई। चश्मदीदों के मुताबिक हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई है। अभी तक मृतकों की तादाद के बारे में पुष्टि नहीं हो पाई है।

बताया जा रहा है कि बस की बाइक से टक्कर हुई जिसके बाद बस नदी में गई। बस में कुल 35 यात्री सवार थे। इस हादसे में कई घायल भी हुए हैं।

बद्रावणी में बस की टक्कर से घायल बाइक चालक नरेश कुमार घर से दूध लेने, बिजली बिल भरने तथा अन्य काम करने मंडी बाजार जा रहा था। घर से करीब एक किलोमीटर दूर पहुंचा तो बस के साथ टक्कर हो गई और बाइक से गिरकर नाली में जा गिरा। इससे नरेश बुरी तरह से घायल हो गया।

नरेश कुमार निवासी शिल्हकीपड़ ने बताया कि अगर उसने हेलमेट न पहना होता तो न जाने क्या होता। हेलमेट ने उसकी जान बचा ली। उन्होंने बताया कि वह सेना में कार्यरत है और कुछ दिन पहले ही घर आया था। शनिवार को वह बाइक घर से मंडी बाजार की ओर निकला था। वह अपनी साइड से चल रहा था और ट्रक को ओवरटेक कर रहा था कि बस उसकी बाइक से टक्करा गई और वह सड़क में नाली की ओर गिर गया। नरेश ने बताया कि वह मंडी बाजार में बिलजी का काम निपटाने और दूध लाने जा रहा था। नरेश का भी जोनल अस्पताल मंडी में उपचार किया जा रहा है।


मां की ममता एक बार फिर मौत पर भारी पड़ गई। बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए न्यूल की मेनका ने घायल होने के बावजूद हिम्मत नहीं हारी और बच्चों को सुरक्षित बचा लिया। मंडी के ¨बद्रावणी में हुए बस हादसे में मेनका (25) पत्नी किशोरी लाल निवासी न्यूल जिला मंडी जोनल अस्पताल मंडी आई थी। उसके साथ उसका दस माह का बेटा ललित व साढ़े चार वर्षीय बेटी वंशिका भी थे। अस्पताल में जांच के बाद मेनका घर जा रही थी कि हादसे का शिकार हो गई। ब्यास नदी में बस गिरने के बाद उसके साथ सीट पर बैठी बेटी वंशिका व गोद में लिया ललित उसके हाथ से छिटक गए। मेनका बुरी तरह से जख्मी हो चुकी थी, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और साहस जुटाकर जान की परवाह किए बिना बच्चों को बस से सुरक्षित निकालने की ठान ली। मेनका ने घायलों की चीखोपुकार के बीच अपने बच्चों को ढूंढा और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया गया। यहां पर तीनों मां, बेटा व बेटी का उपचार चल रहा है।

मेनका ने बताया कि वह बीमार थी और इलाज के लिए जोनल अस्पताल आई थी। वह घर जा रही थी कि अचानक बस से कुछ आवाज आई और बस एकदम घूम गई तथा धमाके के साथ ब्यास नदी में गिर गई। पलक झपकते ही यह सब हो गया और उसे पता ही नहीं चला। उसके सिर व टांगों में चोटें पहुंची हैं। अस्पताल पहुंचने के बाद उसने पति किशोरी लाल को फोन करके इसकी सूचना दी। अस्पताल में इस साहसी महिला की हर किसी ने सराहना की।


बिंद्रावणी में हुए हादसे से कुछ समय के लिए छोटी काशी ठहर सी गई। जिसे भी हादसे का पता चला वह ¨बद्रावणी की ओर मदद के लिए दौड़ पड़ा। देखते ही देखते शहर पूरी तरह से खाली हो गया। सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। लोगों को जैसे-जैसे निजी बस में अपनों के सवार होने की सूचना मिलती गई वे भी मौके पर पहुंचते गए। घायलों को जैसे-जैसे ब्यास नदी से निकाला गया परिजन व रिश्तेदार उन्हें पहचाने की कोशिश करते रहे। राहत व बचाव कार्य तेजी से चल रहा था। नदी से निकालने के बाद घायलों को एंबुलेंस में डाल तुंरत अस्पताल पहुंचाया गया। करीब डेढ़ तक मौके पर राहत एवं बचाव कार्य पूरा कर लिया गया। घटनास्थल से जोनल अस्पताल तक की सड़क पूरी तरह से खाली करवा दी गई। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती के साथ इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई, ताकि एंबुलेंस की आवाजाही में किसी प्रकार का व्यवधान न आए। घटनास्थल पर लोगों को जब अपने नहीं मिले तो वे जोनल अस्पताल पहुंच गए। वहां पहुंच कर एक-एक वार्ड में अपनों को तलाशते रहे। प्रशासन व अस्पताल प्रबंधन ने भी घायलों की शिनाख्त करवाने में भरपूर सहयोग किया।


राहत बचाव का कार्य करते लोग




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