लडभड़ोल : नीची पहाड़ियों, समतल सपाट मैदानों, एवं लता-गुल्मों के प्राकृतिक सौन्दर्य से भरा-पूरा लडभड़ोल जहां आज भी भलमनसाहत और नेक-नीयती का बोल-बाला है वो शहर अपनी ही टूटी-फूटी सडकों से बदहाल क्यों नज़र आता है? आखिर क्या क़सूर है इस तहसील का? ऐसा कौन सा गुनाह किया है यहाँ के लोगों ने कि जितनी जल्दी कपड़ों से दाग नहीं धुलते, उनसे कही जल्दी मौसम की पहली बारिश में सडकों से सतहें धुल जाती हैं? क्या जनता से वसूले जा रहे करों का मोल इतना भी नहीं है कि आधुनिक जीवन की धमनियों की तरह महत्त्वपूर्ण नागरिक जीवन के इस अहम् पहलू की समुचित देख-रेख की जा सके?
कदम-कदम पर है मौत के गड्ढे
लडभड़ोल से नेरी सड़क की हालत इतनी खराब है कि यहां पर वाहन चालकों का सफर ईश्वर की प्रार्थना के साथ शुरू होता है। इस सड़क पर बस एवं टैक्सियों व दोपहिया वाहनों में यात्रा करने वाले यात्रियों की धड़कने जानलेवा गड्ढों के बीच हड्डी तोड़ हिचकोले खाते ही बढ़ जाती है। सफर पूरा होने के बाद ही जान में जान आती है। सड़क पर कदम-कदम पर मौत के गड्ढे बने हैं।
धुल का उड़ता है गुबार
गड्ढों में तब्दील लडभड़ोल क्षेत्र की सड़कों पर दोपहिया वाहनों का चलना मुश्किल हो रहा है। सड़क की दुर्दशा का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि कोई भी वाहन गुज़रने पर इन सड़कों पर धूल का गुब्बार उड़ता है जिससे पैदल व दोपहिया वाहनों में चलने वाले यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है ।
जब लडभड़ोल से तुलाह तक सड़क को स्कैन किया गया तो कई स्थानों पर सड़क की हालत गांव की कच्ची सड़कों से भी बदतर नजर आई। कई जगह ये भी देखने को मिला कि गड्ढों के कारण चालकों को औसत से भी कम गति में वाहन चलाने पड़ रहे हैं।
लडभड़ोल को धर्मपुर-सरकाघाट से लिंक करने वाले इस मार्ग पर यातायात का भारी दबाव है। चुल्ला व खद्दर प्रोजेक्ट के मालवाहक बड़े वाहनों का सबसे ज्यादा दबाव इसी मार्ग पर है। सड़क के गड्ढों के कारण आए दिन वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। इस सड़क पर हर 1 घण्टे में औसतन 10 चार पहिया व 15 दोपहिया वाहन गुजरते हैं। सड़क के गड्ढों के कारण वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। सड़क की हालत इतनी खराब है कि वाहन चालक की एक चूक वाहन एवं यात्रियों पर भारी पड़ सकती है। सड़क पर इतने गड्ढे हो गए हैं कि वाहन चालकों को वाहन पार कराने सड़क खोजे नहीं मिल रही।
लडभड़ोल तहसील की सभी सड़कें दम तोड़तीं नज़र आती हैं या यूँ कहें कि साल के बारह महीने सरकारी कृपा का इंतज़ार करती नज़र आती हैं कि कब उनकी दया दृष्टि हो और कोई पालनहार कौनट्रैकटर उनके सीने के ज़ख्मों को भरे.. हम उम्मीद करते हैं कि लडभड़ोल के विकास की भावी योजनाओं के दस्तावेजों में पुरानी सड़कों के समुचित रख-रखाव के साथ-साथ नई सड़कों एवं आधारभूत अधोसंरचना के निर्माण की भी बातें की जाएंगी |
बलोटू गांव के पास सड़क के हाल
सड़क पर पड़े हुए जानलेवा गड्ढे
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