लडभड़ोल : जिला मंडी और जिला काँगड़ा को आपस में जोड़ने के लिए जमथला के पास बिनवा खड्ड पर बन रहा पुल सरकारी कार्यों में होने वाली लेट लतीफी का एक जीता-जागता उदाहरण है।
बिनवा के के एक छोर पर लडभड़ोल का जमथला गाँव है, तो दूसरे छोर पर काँगड़ा का ढँढोल गाँव | इन दोनों गाँवों को जोड़ने वाला पुल निर्माण का काम पिछले 4 साल से अधर में लटका है। बिनवा खड्ड पर बन रहे इस पुल में तकनीकी खामियां आने के बाद इसका निर्माण रोक दिया गया था।
इस पुल का शिलान्यास वर्ष 2009 पूर्व आईपीएच मंत्री रविंद्र रवि ने किया था| शिलान्यास के दो वर्ष बाद विभाग ने जमथला की तरफ का संपर्क बना दिया था लेकिन ढंढोल की तरफ वन विभाग की जमीन होेने के चलते वहां की संपर्क सड़क को नहीं बनाया जा सका था। उसके कुछ समय बाद लोनिवि को वन विभाग की एनओसी मिल गई थी|
पुल का डिजाईन लोहे का था जो बनकर लोक निर्माण विभाग के बनांदर स्थित स्टोर में पहुंच गया था उसे बस पीलर बनाकर पुल की जगह स्थापित करना था | 2013 में पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ | दोनों तरफ से पुल तक संपर्क सड़क का कार्य शुरू हो गया था। काम शुरू होने के बाद पता चला की पुल के डिजाईन में कुछ तकनीकी खामी है | जो पुल बनाकर बनांदर में रखा गया था उसकी लंबाई बिनवा के दोनों छोर के बीच लगभग 2 फ़ीट कम थी | यह एक बहुत बड़ी तकनीकी गलती थी जिसे एकदम से सुधारा नही जा सकता था | इसी वजह से पुल का काम ठप पड़ गया था |
उसके एक साल बाद प्रशासन फिर से जागा और 2014 में फिर से पुल का निर्माण शुरू हुआ | इस बार जो सड़क पहले बनाई गयी थी उसको और गहरा किया गया | लगभग एक माह तक काम करने के बाद फिर से पुल का काम बन्द हो गया |
इसी तरह एक और साल बीत गया | एक साल बीत जाने के बाद साल 2015 में प्रशासन को फिर से इस पुल की याद आयी| इस बार पुल का कार्य जिला काँगड़ा की तरफ से शुरू किया गया था | वहां भी जेसीबी ने थोड़ी बहुत मिटटी हटाकर पहले बनाई गयी सड़क को फिर से दुरुस्त किया कुछ मिटटी बिनवा में फेंकी और बस फिर से पुल का काम बन्द हो गया |
2016 में एक बार फिर से इसी महीने इस पुल का निर्माण शुरू हो जाने की खबर हमे मिली है | खबर मिलने के बाद हमने इस पुल के बारे में यह जानकारी जुटाई है| पुल का कार्य शुरू होने से क्षेत्र के लोगों में भारी खुशी देखने को मिलती है लेकिन अफ़सोस यह ख़ुशी सिर्फ कुछ दिन की मेहमान ही होती है | लडभड़ोल तहसील को जिला कांगड़ा से जोड़ने के लिए बिनवा खड्ड के ऊपर यदि यह पुल बन जाता है तो यह लडभड़ोल व ढंढोल के लोगों के लिए वरदान साबित होगा।
इस पुल के निर्माण में हो रही देरी के लिए पूर्णतया प्रशासन जिमेवार है | अगर पुल निर्माण की यहीं गति रही तो शायद पुल पर से होकर बिनवा को पार करने का सपना अधूरा ही रह जायेगा। हो सकता है अब हमारी अगली पीढ़ी को ही इस पुल पर चलने का सौभाग्य प्राप्त हो।
जनता का हितैषी बनने का दावा करने वाले सभी दल, राजनीतिक प्रतिद्वंता में अपनी-अपनी रोटियां सेंकने में लगे हैं। उन्हें जनता से किए गए वादों का एहसास तक नहीं है। आखिर उड़नखटोलों में उड़ने वाले नेताओं को सड़क पर चलने वाले राहगीरों की मुश्किल का एहसास कैसे हो !
नोट : कुछ लोगों द्वारा हमे पुल निर्माण कार्य शरू होने की जानकारी दी गयी थी उसके बाद हमारे रिपोर्टर्स ने लोगों से बातचीत करके जुटाई यह जानकारी जुटाई है लेकिन हम इस जानकारी के 100% सही होने की पुष्टि नही करते |
22 October 2015
......आखिर कब बनेगा जमथला-ढंढोल को आपस में जोड़ने वाला "आशाओं का पुल"
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