22 October 2015

लडभड़ोल क्षेत्र के सैनिक विकास भारद्वाज की शहादत को भूली सरकार, नाकाम साबित हुई घोषणाएं

लडभड़ोल : 24 साल की जिस उम्र में युवा अपनी मस्ती के साथ अपनी जिंदगी को जीते हैं। उस उम्र में लडभड़ोल तहसील के एक नौजवान ने चार साल तक भारतीय सेना की नौकरी करने के बाद देश के नाम अपनी जान कुर्बान कर दी। लेकिन शहीद के नाम हुई घोषणाओं को पूरा करने में सरकार असमर्थन हो गई। सरकार की उदासीनता का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि शहीद के नाम पर गांव में केवल एक किलोमीटर सड़क बनवाने की घोषणा भी चार साल से एक अधूरी कच्ची सड़क तक ही पहुंची है।

4 जून 2015 को हुए थे शहीद
लडभड़ोल के पंडोल मतेहड़ पंचायत के पटनू गांव के विकास भारद्वाज 4 जून 2015 को मणिपुर में शहीद हो गए थे। सिपाही विकास भारद्वाज 6 डोगरा रेजिमेंट में थे। इस आतंकी हमले में उस समय 20 जवान शहीद हुए थे। इसमें 7 जवान हिमाचल के थे। इसमें ही 24 साल के विकास भारद्वाज भी शामिल थे। 20 साल की उम्र में अपने पिता सूबेदार राकेश चंद के सेना के प्रति जज्बे को देखते हुए विकास भारद्वाज ने भी सेना में जाने की राह चुनी थी। लेकिन चार साल के बाद ही विकास को शहादत प्राप्त हा गई।

नहीं बनी एक किलोमीटर सड़क
उस समय कई नेता उनके घर पर पहुंचे। शहीद के घर तक उबड़ खाबड़ पैदल मार्ग को देखकर यहां जीप योग्य सड़क बनाने की घोषणा हुई। लेकिन आज चार साल के बाद भी केवल एक कि.मी. यह सड़क अधूरी है। न तो यह सड़क पक्की हो पाई है और न ही इसमें आने वाले नाले में कोई पुल बन पाया है। आज भी गांव के लोग एक छोटी सी पंगडंडी के सहारे ही मुख्य सड़क तक आते हैं। उस समय लडभड़ोल कॉलेज का नाम भी विकास के नाम पर रखने की मांग उठी, लेकिन सियासी नेताओं तक ही सिमटे नामों के कारण इस नाम को भी वहां जगह नहीं मिल पाई। विकास भारद्वाज की कॉलेज की शिक्षा पालमपुर में हो रही थी। ऐसे में उस कॉलेज से जुड़ाव था। दो साल पालमपुर कॉलेज प्रशासन ने भी शहीद विकास के पिता को अपने यहां होने वाले कार्यक्रमों में आमंत्रित किया। लेकिन बाद में वह भी भूल गए।

सड़क निर्माण के लिए सरकार नाकाम
शहीद के परिवार का दर्द कम करने के लिए सांसद रामस्वरूप दो तीन बार उनके घर में आ चुके हैं। एक बार दीवाली पर विशेष रूप से पहुंचे थे। तत्कालीन विधायक गुलाब सिंह ठाकुर सहित पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर सहित जोगेंद्रनगर से पंकज जम्वाल भी आए। शहीद के परिवारजनों की मानें तो मौजूदा सरकार द्वारा काम शुरू नहीं करवाया है । यह गांव जोगेंद्रनगर विधानसभा में आता है।





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