22 October 2015

टांडा में नहीं मिला हेल्थ कार्ड का लाभ, लडभड़ोल क्षेत्र की गरीब महिला को थमाया 3500 का बिल

लडभड़ोल : प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम आरंभ तो कर दी है लेकिन इसका लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा है। इस स्कीम के तहत परिवार के पांच सदस्य एक साल में पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में करवा सकते है लेकिन कांगड़ा के टाण्डा अस्पताल में केंद्र सरकार की इस अहम योजना की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

कार्ड होने के बावजूत थमाया बिल
लडभड़ोल क्षेत्र की पीहड-बेहड़लु पंचायत के सौं गांव की वृद्ध महिला कांता देवी पत्नी जोध सिंह राणा दिसंबर महीने में पत्थरी के इलाज के लिए टाण्डा अस्पताल गयी थी। वृद्ध महिला को टेस्ट व अन्य इलाज के लिए 11 दिसंबर से 13 दिसंबर तक अस्पताल में भर्ती किया गया था। महिला की शरीर में सुगर की मात्रा अधिक होने के कारण पत्थरी का ऑपरेशन नहीं हो सका। इस बाद महिला को अस्पताल से छुट्टी दी गयी और साथ में टेस्ट व अन्य दवाइयों के लिए 3500 रूपए का भारी-भरकम बिल थमा दिया गया। महिला अत्यधिक गरीब परिवार से संबध रखती है।

देने पड़े 3500 रूपए
महिला के पास हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सल हेल्थ प्रोटेक्शन कार्ड था जिसे टाण्डा अस्पताल के कर्मचारियों ने स्वीकर नहीं किया। कर्मचारियों से कई बार गुहार लगाई गयी जिसे वहां स्थित कर्मचारियों ने अनसुना कर दिया। अंत में बेहद गरीब महिला को 3500 रूपए नकद देने पड़े। पीड़ित महिला कांता देवी का कहना है की सरकार की योजनाएं दिखावे और गरीबों के साथ मज़ाक करने के लिए लागू की गई हैं क्योंकि गरीबों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

मेडिकल सुप्रीटेंडेट ने दी यह सफाई
लडभड़ोल.कॉम द्वारा जब इस बारे में टाण्डा अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेट डॉक्टर सुरेंदर सिंह भारद्वाज से बात की गयी तो उन्होंने कहा की टाण्डा अस्पताल में सभी कार्ड मान्य है और कार्ड धारक सभी लोगों का इलाज मुफ्त किया जा रहा है। किस वजह से उनका कार्ड स्वीकार नहीं किया गया इसकी जानकारी नहीं है। कांता देवी दोबारा यहां आकर मुफ्त में अपना इलाज करवा सकती है।





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