लडभड़ोल : मात्र 431 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत से बनने वाली प्रदेश बिजली बोर्ड की 100 मेगावाट की उहल परियोजना की अनुमानित लागत अब 1280 करोड़ से भी अधिक हो गई है | पिछले 13 सालों में यह परियोजना सरकार को लागत में ही 850 करोड़ से अधिक का चुना लगा चुकी है | यदि उत्पादन घाटे का अनुमान लगाया जाये तो आंकड़ा 2000 करोड़ से भी अधिक है |
परियोजना का निर्माण ब्यास वैली पावर कारपोरेशन के गले की फांस बन बन बन चुका है | पहले करीब 8471 मीटर सुरंग खोदने में ही कारपोरेशन के पसीने निकल गए तो अब इस सुरंग के कंक्रीट के काम ने दम निकाल रखा है | कंक्रीट का काम पिछले चार सालों से एक निजी कंपनी कर रही है तथा अभी भी लगभग 2400 मीटर का कंक्रीट कार्य किया जाना बाकी है |
कम्पनी ने अगले 8 महीने के अंदर इस कार्य को पूरा करने का दावा किया है |
उहल परियोजना के मुख्य अभियंता भरत दर्शन ने कहा की परियोजना का कार्य सुचारु रूप से चला हुआ है था अगले 8 महीने में इसे पूरा कर लिया जायेगा | इस परियोजना से मार्च 2017 तक उत्पादन शुरू करने का अनुमान है |
Posted By Amit Barwal (ऊटपुर )
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22 October 2015
कंपनी के गले की फांस बना चुल्ला प्रोजेक्ट, बिजली विभाग को हुआ करीब 850 करोड़ का नुकसान
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