लडभड़ोल : हजारों निःसंतान दंपतियों की अटूट आस्था का केंद्र है माता सिमसा का दरबार, शरद व चैत्र नवरात्र महोत्सव के दौरान सूनी गोद भरती है माता सिमसा, प्रदेश सहित अन्य दूसरे राज्यों की सैकड़ों निःसंतान दंपतियों ने पाया है संतान प्राप्ति का सुख। वैसे तो हिमाचल प्रदेश की भूमि पर सैकड़ों देवी-देवता वास करते हैं, यही वजह है कि जो इसे देव भूमि के नाम से भी जाना जाता है।
सभी देवी-देवताओं की अलग-अलग महिमा व चमत्कार हैं जिन पर प्रदेश व देश भर के लोग अटूट विश्वास करते हैं और वहां पर उनकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। ऐसा ही एक धार्मिक स्थल जिला मंडी की तहसील लडभड़ोल क्षेत्र के सिमस गांव स्थित माता सिमसा है जिन्हें संतान दात्री के नाम से भी जाना जाता है, माता सिमसा का स्थल निःसंतान दंपतियों के लिये किसी वरदान से कम नहीं है। सिमस गांव के बीच स्थित माता सिमसा का मंदिर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। कहते हैं कि यहां आने वाली हर निःसंतान दंपतियों की सूनी गोद माँ के आशीर्वाद से भर जाती है।
आजकल शारदीय नवरात्रों के चलते तीसरे नवरात्र उपलक्ष्य में शुक्रवार को जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में शीश नवाकर पूजा-अर्चना की वहीं सैकड़ों महिलाएं संतान प्राप्ति के लिये मां के चरणों में पहुंची हैं, जो महिलाएं संतान की चाह में मां के दरबार पहुंची थी उन में से सैकड़ों महिलाएं मां का आशीर्वाद लेकर और संतान प्राप्ति का वरदान प्राप्त करके मां का गुणगान करते हुए अपने घर को लौट गई हैं। मंदिर के पुजारी सुरेश राय ने बताया कि शुक्रवार सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी जैसे दिन चढ़ता गया भीड़ भी उसी तरह बढ़ती गई और दिन भर मां के जयकारों व भेंटों से वातावरण गुंजता रहा।
मंदिर कमेटी प्रधान विनोद कुमार राय ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये मंदिर कमेटी ने पुख्ता इन्तजाम किये हैं। पुजारियों के अनुसार संतान प्राप्ति के लिये आने वाली निःसंतान दंपतियों की संख्या इतनी अधिक है कि कई महिलाओं को मंदिर परिसर में स्थान के लिये इंतजार करना पड़ा आलम यह है कि मंदिर परिसर इच्छुक महिलाओं से पूरी तरह से भरा हुआ है । मंगलवार को कमेटी द्वारा दस दिवसीय भंडारे का आयोजन किया जा रहा है, उधर शारदीय नवरात्र के चलते हर साल की तरह इस साल भी मंदिर कमेटी द्वारा भंडारा लगाया गया है जो पूरे नवरात्र तक चलेगा। खबर लिखे जाने तक मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी हुई थी
22 October 2015
निःसंतान दंपतियों के लिए वरदान से कम नहीं है संतान दात्री माता सिमसा मंदिर
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