लडभड़ोल : जोगिंद्रनगर के समानांतर विकास की बात करना क्या ये क्षेत्रवाद है ? वर्षों से बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे सैंकड़ों लोगों के लिए आवाज बुलंद करना क्या ये गलत है ? अगर यह गलत नहीं तो फिर हमरे ऊपर ये क्षेत्रवाद का आरोप क्यों? यह शब्द तुलाह पंचायत के स्थायी निवासी बिमला चौहान व जोगिन्दरनगर जन विकास सभा के अध्यक्ष राजेद्रं सिंह चौहान ने कहे।
बिमला चौहान ने कहा की चौहान दम्पति हमेशा जोगिंद्रनगर के समानांतर विकास के पक्षधर रहे है और क्षेत्र के विकास के लिए हमेशा आवाज उठाते रहे है। इनका कहना है की क्या जोगिंद्रनगर विधानसभा में समानांतर विकास हुआ है। अगर समानांतर विकास हुआ होता तो क्यों आज भी लडभड़ोल तहसील के सैंकड़ों लोग आज भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे है।
राजेंद्र चौहान ने कहा की जोगिंद्रनगर तहसील में अनेकों सुविधाएँ उपलब्ध है। लेकिन सैकड़ों की आबादी वाली लडभड़ोल तहसील के लोग आज भी समस्याओं से लड़कर जिंदगी बिताने को मज़बूर है। जोगिंद्रनगर के मुकाबले लडभड़ोल तहसील में समानांतर विकास नहीं हो पाया है। यदि लडभड़ोल क्षेत्र का विकास होता है तो इसे भी जोगिंद्रनगर का विकास ही माना जायेगा।
चौहान दम्पति का कहना है की हम दोनों पिछले करीब दो दशकों से समानांतर विकास की मांग करते आ रहे है और केंद्रीय विद्यालय खुलवाने के लिए वर्षों से प्रयासरत है जिसका साक्ष्य 2008 के दैनिक समाचर पत्र में छपी खबर है। जिसमे हमने सरकार से केंद्रीय विद्यालय व बस डिपो खुलवाने की मांग की थी। देश के समग्र विकास के लिए आवश्यक है कि देश के सभी वर्गों एवं क्षेत्रों का समान रुप से विकास हो | क्षेत्रवाद भी इसी का पूरक है।
राजेद्रं सिंह चौहान ने कहा कि जोगिदंरनगर विधान सभा क्षेत्र के लिए सामानतंर विकास मील का पत्थर साबित होगा
22 October 2015
क्षेत्रवाद की राजनीति नहीं जानते लेकिन लडभड़ोल वासियों को भी नहीं कर सकते नजरंदाज : चौहान दम्पति
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