लडभड़ोल : बुधवार रात को गुरुग्राम में हुए एक हादसे ने लडभड़ोल क्षेत्र के एक मां बाप से उनके बुढ़ापे का सहारा छीन लिया। वहीं उसकी पत्नी और बच्चे भी बेसहारा हो गए। ममाण गांव में मातम पसरा हुआ है। परिजनों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे है। बदहवास परिजनों के मुंह से आवाज नहीं निकल रही है। बुधवार की काली रात लडभड़ोल क्षेत्र के ममाण गांव के प्रताप सिंह ने परिवार के लिए दुखों का पहाड़ बनकर आयी।
ममाण गांव के सुमन कुमार( पिंटू) की गुरुग्राम (गुड़गांव) में चौथी मंज़िल से गिरकर दर्दनाक मौत हो गयी। सुमन की उम्र लगभग 35 वर्ष के आसपास थी। बुधवार रात को सुमन छत पर चढ़कर अपने परिजनों से बात करके नीचे उतर रहा था। बिजली न होने से के अँधेरे में सीढ़ियों में अंधेरा पसरा हुआ था। अंधेरे के कारण नियंत्रण खोने से सुमन अचानक नीचे गिर गया। इतनी ऊंचाई से गिरने के कारण उसकी मौत हो गयी। सीढ़ियों में रैलिंग नहीं होने की बात कही जा रही है। मृतक सुमन अपने पीछे पत्नी, दो बच्चों व माता-पिता को बेसहारा छोड़ गया है।
शुक्रवार सुबह लगभग साढ़े 7 बजे मृतक सुमन का पार्थिव शरीर ममाण गांव पहुंचा। बार-बार शव को निहारती पत्थराई सी आंखें, आंखों से लगातार बह रहे आंसू। घर में सांत्वना देने पहुंच रहा रिश्तेदारों का तांता। हादसे में पति को खोने के बाद कभी रोती तो कभी अपने छोटे-छोटे बच्चों को निहारती। फिर रो-रो कर बेसुध होती। कुछ ऐसा ही हाल था मृतक की पत्नी का, ह्दय विदारक हादसे ने उन्हें ताउम्र नहीं भरने वाले जख्म दे दिए है।
सुबह लगभग 11 बजे ममाण गांव के तीर्थ स्थल पर मृतक सुमन का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतक के बड़े बेटे सौरव ने उन्हें मुख्याग्नि दी। अंतिम संस्कार के वक्त पूरा माहौल गमगीन हो गया। हादसे में बेटे की मौत से प्रताप सिंह के जीवन में दु:खों का पहाड़ ही टूट गया है। इस हादसे के बाद उसके मां बाप के जीने की उम्मीद टूट सी गई है व उनके जीवन की दशा व दिशा ही बदल दी है। पुरे परिवार को रोता व बिलखता देख हर किसी की आंखें नम हो जा रही है।
22 October 2015
गुरुग्राम में हुए हादसे ने छीना लडभड़ोल क्षेत्र के एक हंसते खेलते परिवार का इकलौता सहारा
loading...
Post a Comment Using Facebook