लडभड़ोल : नरेंद्र मोदी सरकार की ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ को शुरू हुए करीब तीन साल हो चुके हैं। जिसके तहत सांसद द्वारा लडभड़ोल क्षेत्र के सिमस गांव को गोद लिया गया है। सांसद रामस्वरूप शर्मा के प्रयासों द्वारा सिमस गांव को "आदर्श" बनाने के उत्साहजनक संकेत मिल रहे हैं लेकिन इसी गांव में बिजली बोर्ड की लापरवाही का न तो कोई ठिकाना है और न ही प्रशासन के पास रोकबंधी के लिए कोई पैमाना है, जिसका खामियाजा सीधे तोर पर सिमस गांव की जनता को भुगतना पड़ सकता है।
आदर्श ग्राम सिमस को लेकर दावे चाहे कितने भी हों, पर गांव में बिजली के खुले पैनल बाक्स की यह तस्वीर इन तमाम दावों की पोल खोल रही है। सिमस गांव में मौजूद पानी की कुफरी के पास खेतों में लगाया गया पैनल बाक्स बुरी तरह गल चुका है। बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बिजली फ्यूज़ों को सुव्यवस्थित नहीं लगा कर जुगाड कर रखे है। खेतों में लगाया गया बिजली का यह खुला पैनल बाक्स घरों तथा रास्तों के बिलकुल नजदीक हैं।
इस खुले पैनल बाक्स की जमीन से ऊंचाई इतनी है कि बच्चों सहित कोई भी इसकी चपेट में आ सकता है। इस पेनल बॉक्स के पास से लोगों तथा पशुओं का आना-जाना बना रहता है। बरसात के समय फसल बढ़ने पर यह लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। इससे इन घरों के लोगों को चौबीस घंटे खतरे के साए में जीना पड़ रहा है। इससे हमेशा हादसा होने की आशंका बनी रहती है। यह गांव कब आदर्श गांव बनेगा यह तो अब आने वाला वक्त ही बताएगा।
स्थानीय ग्रामीणों सुमित जसवाल, अनिल जसवाल, प्रवीण जसवाल आदि ने बताया की समय रहते इस पैनल बॉक्स को ठीक से नही लगाया गया तो इससे कभी भी बडा हादसा हो सकता है। ग्रामीणों ने बिजली विभाग से तारों को सुव्यवस्थित लगवाने तथा उन्हें ऊंची करने की व्यवस्था करवाने की मांग की है ताकि लोगों को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़े।
ग्राम पंचायत सिमस के उप-प्रधान गौरी कैलाश ने बताया की कुफरी के पास लगा बॉक्स बहुत खराब हालत में है इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जल्द ही उच्च-अधिकारियों को इस बारे में सूचित किया जायेगा। इस बारे में जब विद्युत् विभाग के सहायक अभियंता अजय कपूर से बात की गयी तो उन्होने बताया की फ़िलहाल विभाग के पास नए फ्यूज़ नहीं है। फ्यूज़ आते ही कनिष्ट अभियंता को जल्द इन्हे ठीक करने के आदेश दिए जायेंगे।
खेतों में लगाया गया पैनल बॉक्स जो दे रहा है हादसों को न्योता
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