22 October 2015

प्रधानाचार्य के तबादले को लेकर फेसबुक पर विवादित पोस्ट वायरल, जाँच करने पर निकली झूठी

लडभड़ोल : लडभड़ोल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ऊटपुर में पूर्व प्रधानाचार्य के तबादले का मामला दो दिनों में सोशल मीडिया में छाया हुआ है। फेसबुक पर "ऊटपुर पंचायत" नामक एक फेसबुक पेज पर एक पोस्ट शेयर की जा रही है जिसमे किये जा रहे कमैंट्स में दावा किया जा रहा है की पूर्व प्रधानचार्य के.के. ठाकुर के तबादले के पीछे राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के स्कूल स्टाफ का हाथ है। पोस्ट में बताया गया है की स्कूल के प्रधानाचार्य के.के ठाकुर छात्रों के साथ-साथ स्कूली स्टाफ के साथ भी सख्त थे इसलिए उनका तबादला करवा दिया गया था।

हालाँकि पूर्व प्रधानाचार्य का तबादला अक्टूबर 2017 में हुआ था। 5 महीने बीत जाने के बाद इस तरह की पोस्ट डालना अपने आप में कई सवाल खड़ा कर रहा है। शुक्रवार 23 फरवरी 2018 को डाली गयी यह पोस्ट शनिवार सुबह तक सोशल मीडिया में वायरल हो गयी। फेसबुक पर कई लोगों ने बिना सचाई जाने अध्यापकों के इस कथित कृत्य पर जमकर खिंचाई भी की। सोशल मीडिया पर इस विवाद में घिरा स्कूल प्रबंधन खलनायक की भूमिका में उभरा है।

लडभड़ोल.कॉम ने मामले की जानकारी मिलते इसकी पड़ताल शरू की। इसके लिए हमने ऊटपुर स्कूल के पूर्व प्रधानाचार्य के.के. ठाकुर से बात की। लडभड़ोल.कॉम से बात करते हुए उन्होंने बताया की सोशल मीडिया में वायरल किये इस पोस्ट में कोई सचाई नहीं है। यह दावा पूरी तरह से झूठा है। के.के. ठाकुर ने बताया की उनके तबादले के लिए ऊटपुर स्कूल के स्टाफ को दोष देना दुर्भाग्यपूर्ण है। ऊटपुर स्कूल का स्टाफ हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है और उनके कार्यकाल में ऊटपुर स्कूल ने कई आयाम स्थापित किये है। के.के ठाकुर ने आगे बताया की आखिर क्यों उनका तबादला किया गया और इसके पीछे किसका हाथ था।

के.के ठाकुर ने बताया की उनका तबादला राजनीति से पूरी तरह प्रेरित था। सितंबर 2017 में ऊटपुर पाठशाला में छात्राओं की खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी जिसके समापन समारोह के लिए वर्तमान विधायक प्रकाश राणा की पत्नी रीमा राणा को बतौर मुख्यतिथि आमंत्रित किया गया था। चूँकि प्रकाश राणा निर्दलीय उमीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का एलान कर चुके थे इसलिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कुछ क्षेत्रीय नेताओं को रीमा राणा को आमंत्रित करना रास नहीं आया। कांग्रेस के एक क्षेत्रीय नेता ने के.के. ठाकुर को फ़ोन करके बताया की आपकी शिकायत तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की गयी है। इसके ठीक एक महीने के अंदर के.के. ठाकुर का तबादला हो गया था। यह सभी बातें के.के. ठाकुर ने खुद लडभड़ोल.कॉम से बात करते हुए बताई।

के.के. ठाकुर ने बताया की उन्होने हमेशा अपने कर्तव्यों को निभाया है। प्रकाश राणा की पत्नी रीमा राणा को बतौर मुख्यतिथि आमंत्रण भेजना उनका निजी निर्णय नहीं बल्कि स्कूल प्रबंधन कमेटी का सामूहिक निर्णय था। इसके लिए SMC ने बकायदा प्रस्ताव पारित किया था। SMC का मकसद प्रकाश राणा की पत्नी को बुलाकर स्कूल की खस्ताहाल छत की मरम्मत करवाने के लिए फण्ड इक्क्ठा करना था नाकि प्रकाश राणा का चुनाव प्रसार करना।

लडभड़ोल.कॉम ने आपको इस विवाद के हर पहलू की बातों को भी आपके सामने रखा। हर मामले में स्कूल का अनुशासन बेहतर रहा है। वर्तमान में भी स्कूल नए प्रधानचार्य प्रताप सिंह ठाकुर के नेतृत्व में शानदार तरीके से आगे बढ़ रहा है। हर मामले में स्कूल का अनुशासन बेहतर रहा है। अब आप खुद ही तय करें कि हकीकत औऱ सोशल मीडिया पर चल रहे झूठे कैंपेन में कितना फर्क होता है। बिना किसी पूर्ण जानकारी के इस तरह की सूचनाएं शेयर करने से हमे बचना चाहिए। सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट डालने से पहले लोगों को अध्यापकों की इज्जत और उनकी परंपरा की लाज रखनी चाहिए थी।

बिना पड़ताल किए शेयर करने को भी भेड़-चाल ही कहते हैं। पूरे दिन अनगिनत ऐसे मैसेज सोशल मीडिया पर घूमते रहते हैं, जिनकी सच्चाई जानने की हम कोशिश भी नहीं करते बस उस पर बात करना शुरू कर देते हैं। सोशल मीडिया आज के समय में एक ऐसा माध्यम हो गया है जहां अफवाह फैलाना सबसे आसान है। जो लोग स्कूल प्रशासन को बदनाम करना चाहते है स्कूल प्रशासन को उनकी खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी अफवाह फैलाने वालों को कतई बक्शा नहीं जाना चाहिए। यह अध्यापकों की ही नहीं बल्कि इलाके व पाठशाला ऊटपुर की शाख़ को धूमिल करने की घिनौंनी साजिश है।







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