लडभड़ोल : बेजुबान जानवरों के खिलाफ किए जाने वाले व्यवहार के बारे में कई प्रकार के किस्से हमें सुनने को मिलते हैं लेकिन लडभड़ोल क्षेत्र के लांगणा में एक ऐसा मामला सामने आया है जो वहां की मनुष्यता पर एक कलंक लगाने के लिए काफी है। लांगना में पशुओं के साथ हुए दुर्व्यवहार ने क्रूरता की सारी हदें पर करके रख दी है।
दरअसल लांगणा में कुछ निर्दयी लोगों द्वारा आवारा पशुओं को आवारा छोड़ दिया गया है जो फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है। स्थानीय लोग फसलों को बचाने के लिए रात को इन पशुओं को लांगणा के खलारडू में बावड़ी के पास बने सार्वजनिक भवन में बांध देते है। इस तरह बांधने के कारण भंवन के अंदर ही दो पशुओं की मौत हो चुकी है। जिन्हे अब कुत्ते नोच-नोच कर खा रहे है।
लांगणा में पशुओं का उत्पीड़न जिस बुरी तरह से किया जा रहा है उसे देखकर किसी भी भावनाशील व्यक्ति का हृदय दया से भरकर कराह उठेगा। सरकार व प्रशासन के उदासीन के कारण आवारा पशुओ की संख्या दिन प्रतिदिन बढ रही है। प्रशासन ना तो पशु छोङने वालो पर कोई कार्यवाही कर पाया है और ना ही सड़कों में घूम रहे इन पशुओ को गौसदनो में पहुँचा पाया है। इसी तरह कई आवारा मवेशी सड़कों के किनारे दम तोड चुके है और कुछ सङको मेँ इधर उधर घूम कर अपने जीवन की अंतिम सांसे गिन रहे है।
हालाँकि यह साफ नहीं हो पाया है की भवन के अंदर इन पशुओं की मौत भूख प्यास से हुई है या जीवित ही इन्हे कुत्तों ने अपना निवाला बना लिया है। इसके बारे मेँ जब पंचायत प्रतिनिधयो को सूचित किया तो उनका कहना था कि जो लोग इन पशुओ को बंद करते थे वही लोग इन्हे उठाएंगे। समस्त प्राणी-जगत में सर्वश्रेष्ठ एवं जेष्ठ कहे जाने वाले मनुष्य को पशुओं के साथ क्रूरता का व्यवहार करना कहाँ तक शोभा देता है?
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