लडभड़ोल : स्वास्थ्य विभाग ने भले ही प्रदेश के लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएँ देने की बड़ी-बड़ी बातें करता है लेकिन लडभड़ोल के स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र में इन दावों की पोल खुलती नज़र आ रही है। लडभड़ोल में चिकिस्ता व्यवस्था का क्या हाल है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बुधवार शाम को जब लडभड़ोल क्षेत्र की खद्दर पंचायत के निवासी लाल सिंह को साँस की तकलीफ के चलते शाम 7 बजे 108 एम्बुलेंस के माध्यम से लडभड़ोल के एकमात्र स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र लाया तो अस्पताल पर ताला लटका मिला। अस्पताल में कोई भी स्टाफ का कर्मचारी मौजूद नहीं था।
मरीज़ के साथ आये कुलदीप, रमेश, कृष्ण चंद ने बताया की मरीज़ को बुधवार शाम को साँस लेने की दिक्कत आ रही थी और वह इलाज के लिए अस्पताल पर आये थे, पर अस्पताल में कोई स्टाफ मौजूद न होने के कारण उनकी मुश्किलें अब काफी बढ़ गईं। पुरे अस्पताल में कोई भी स्टाफ का व्यक्ति मौजूद नहीं था। समय पर उपचार न मिलने के कारण व्यक्ति की हालत गंभीर बनी हुई है जिसे अब टांडा रेफर किया गया है। विभागीय सूत्रों की मानें तो अवकाश के दिन भी अस्पतालों पर इमरजेंसी सेवा का प्रावधान है लेकिन यहां इमरजेंसी सेवा का कहीं कोई नामोनिशान नहीं है।
ढाई महीने पहले भी लडभड़ोल अस्पताल सुर्ख़ियों में आया था तब इलाज करवाने आये मरीज़ों को दोपहर में ही ताला लड़का हुआ मिला था। पिछले एक साल में ऐसे बार ऐसे मौके आये है जब अस्पताल में कोई स्टाफ मौजूद नहीं था। पिछले कई महीनों से यहां डॉक्टर का पद भी रिक्त चल रहा है।
लडभड़ोल के इस अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं वैसे भी नाममात्र की ही है । कहने को तो यह CHC है लेकिन सुविधाएं शून्य के बराबर है । स्टाफ की कमी की मार झेल रहे इस अस्पताल में प्राथमिक उपचार के अलावा कुछ खास तो नहीं होता है लेकिन मरीजों को रेफरल स्लिप मिल जाने से आगे बडे, अस्पताल में इलाज करवाने में सुविधा रहती है। जब सारा अस्पताल स्टाफ ही गायब हो तो मरीज क्या करें।
विजय कुमार, प्रधान, ग्राम पंचायत खददर
डॉक्टरों के पद रिक्त होने के चलते क्षेत्र के हजारों लोगों को दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य विभाग को जल्द से जल्द लडभड़ोल स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र में डॉक्टरों को तैनाती करनी चाहिए जिससे लोगों की जीवन से खिलवाड़ न हो।
ऐके शर्मा, खंड चिकित्सा अधिकारी
अस्पताल में नर्स की रात्रि ड्यूटी लगाई हुई है। अगर शाम को लडभड़ोल में कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं था तो इसकी विभागीय जाँच करवाई जाएगी।
टीसी महंत, मेडिकल सुपरिटेंडेंट मंडी
आपके द्वारा ही इस बारे में पता चला है। हम विभागीय स्तर पर इस घटना की जाँच करेंगे। समय समय पर डाक्टरों की कमी की तैनाती के बारे में हम आधिकारियों को अवगत करवाते रहने है लेकिन अभी तक डॉक्टरों की तैनाती नहीं हो पायी है।
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