22 October 2015

लडभड़ोल की खूबसूरती पर ग्रहण लगना शुरू, विभिन्न पार्टियों ने रेन शेल्टर में टांग दिए झंडे

लडभड़ोल : हिमाचल में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। अगले महीने की 9 तारीख को वोट डाले जायेंगे। चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक पार्टिया क्या कुछ तिकड़म नहीं करती हैं, फिर हिमाचल जैसे राज्य का चुनाव हो तो बात ही कुछ और है। चुनाव की सरगर्मी तेज होते ही विभिन्न पार्टियों के प्रत्याशियों के समर्थक सरकारी सम्पति पर झंडे व पोस्टर को चस्पा कर खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे है। जिनके कारण लडभड़ोल की खूबसूरती पर ग्रहण लगाना शुरू हो गया है।


लडभड़ोल के रेन शेल्टर में टंगे है झंडे
लडभड़ोल.कॉम के कैमरे में कुछ ऐसे एक्सक्लूसिव फोटो कैद हुए है जिसमे लडभड़ोल के मुख्य बस स्टैंड में बनाये गए रेन शेल्टर में दो विभिन्न पार्टियों के झंडे टंगे हुए दिख रहे है। रेन शेल्टर के अगले हिस्से में 2 पार्टियों के कुल चार झंडे लटकाये गए है तथा दीवारों पर एक पार्टी के प्रत्याशी के चुनावी पोस्टर भी चस्पा कर दिए है। चुनावी सामग्री के आलावा भी दीवारों पर कई अन्य तरह के विज्ञापन भी कई महीनों से चिपके पड़े है।


कार्यकर्ता लॉ एंड ऑर्डर का रखें ध्यान
हालाँकि हम उन पार्टियों के नाम का खुलासा नहीं कर रहे है इसलिए हमने फोटो भी ब्लर कर दिया है। हमे यह भी पता है की यह सामग्री पार्टियों के जोशीले कार्यकर्ताओं द्वारा लगाई गयी है जो हर हाल में अपने-अपने प्रत्याशियों को आगामी चुनावी में विजय बनाकर विधायक बनते देखना चाहते है। लेकिन यह युवा कार्यकर्ता युवा देश के भविष्य है और इन्हे लॉ एंड ऑर्डर का पालन करना आना चाहिए।


ऐसी खबरों का नहीं होना चाहिए विरोध
अगर यह सब कुछ इसी तरह जारी रहा तो धीरे-धीरे लडभड़ोल के बस स्टैंड, मार्केट, गली, पुल की दीवार,बिजली के खम्बों और सार्वजनिक स्थानों को पोस्टरों से पाट दिया जायेगा जो सही नहीं है। हो सकता है की यह खबर लडभड़ोल.कॉम में छपने के बाद हमे कई तरह से लोगों व उन पार्टियों के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़े लेकिन हमने जो दिखाया वो सच है। हम किसी भी पार्टी के विरोधी नहीं है और हमे किसी पार्टी से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए।

देना पड़ सकता है भारी जुर्माना
कई लोग बेहूदा तर्क देते है की पहले भी ऐसा होता था तो हम उन्हें बताना चाहते है की पहले होता था तो लोग जागरूक नहीं थे लेकिन अब लोग जागरूक है और अब सारे काम क़ानून की मर्यादा में रहकर ही होने चाहिए। कुछ कार्यकर्ताओं को लगता हो कि सरकार अपनी आएगी तो डर काहे का, मगर ध्यान रहे कि कोर्ट को इन सब बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर एक बार केस दर्ज़ हो गया तो भारी जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

तहसलीदार ने कहा जल्द हटाए जायेंगे झंडे
इस बारे में जब लडभड़ोल के तहसीलदार से बात की गयी तो उन्होंने कहा की मामला संज्ञान में आया है तथा इस बारे में लोक निर्माण विभाग को सूचित कर दिया गया है तथा जल्द ही झंडे हटाने के निर्देश दिए गए है।





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