लडभड़ोल : जैसे जैसे हिमाचल विधानसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे वैसे जोगिंद्रनगर विधानसभा में नए-नए चेहरे दिखने लगे हैं। उसमें कुछ चेहरे तो ऐसे है जिनको चुनाव लड़ने की बेकरारी इतनी ज्यादा है कि चाहे उन्हें कोई पार्टी का टिकट मिले या ना मिले, उन्हें तो चुनाव लड़ना ही है। जोगिंद्रनगर में आजकल विधानसभा टिकट पाने के लिए खुद को सबसे मजबूत और जिताऊ प्रत्याशी साबित करने के होड़ मची हुई है।
इस बार अधिक उम्मीदवार आये सामने
जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र में इस बार टिकट की दावेदारी पेश करने वाले लोग पहले से अधिक संख्या में उभरकर सामने आ रहे हैं। कोई कह रहा है कि 70 साल से ज्यादा वालों को टिकट नहीं मिलेगा तो कुछ कह रहें है कि वर्तमान विधायक ठाकुर गुलाब सिंह से जनता दुखी हो गयी है इसलिए उनका पता कट सकता है। कई लोग सूत्रों के हवाले से ऐसी खबरे छपवा रहे कि भाजपा जोगिंद्रनगर में नए उम्मीदवार को लड़ाने पर विचार कर रही है और जो वर्तमान विधायक हैं उनका टिकट काट दिया जायेगा। अब कोशिश तो सबको ही करनी चाहिये शायद इसी लिए यह लोग भी यह कर रहे हैं।
जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में टिकट के लिए अभी से मारा मारी मची है। जोगिंद्रनगर से पंकज जम्वाल चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं। वह भाजपा मंडी के महांमत्री हैं। उनके अलावा जोगिंद्रनगर से ताल्लुक रखने वाले युवा कांग्रेसी नेता जीवन ठाकुर पिछले एक वर्ष से जोगिंद्रनगर में अपने लिए राजनीतिक धरती तलाश रहे हैं। वहीं लडभड़ोल तहसील के गोलवां गाँव के निवासी प्रकाश राणा ने भी टिकट के लिए हाथ पांव मारने शुरू कर दिए हैं। जोगिंद्रनगर में अब एक अनार सौ बीमार की स्थिति है।
दो खेमों में बंटी भाजपा
लडभड़ोल.कॉम वेबसाइट को मिली जानकारी के अनुसार जोगिंद्रनगर में भारतीय जनता पार्टी टिकट बंटवारे को लेकर दो खेमो में बंट चुकी है। पार्टी का एक खेमा वर्तमान विधायक ठाकुर गुलाब सिंह को टिकट दिलाने की कोशिश कर रहा है और दूसरा खेमा पंकज जम्वाल को टिकट दिलाने की मांग कर रहा है। भाजपा के दोनो दावेदार पार्टी के सम्मेलन में अपने-अपने समर्थको के हुजूम के साथ अपनी दावेदारी मजबूत करते दिखाई दे सकते है। इस बात को लेकर भाजपा में काफी मंथन चल रहा है।
जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक ठाकुर गुलाब सिंह लगातार जीतते आ रहे है और यहां विकल्प के तौर पर कोई चेहरा नहीं उभर पाया है या यूं कहें की जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने अपने क्षेत्र में अपने सामने कोई दूसरा विकल्प उभरने ही नहीं दिया। इसलिए विधायक ठाकुर गुलाब सिंह ताल ठोककर कह सकते हैं कि इस क्षेत्र में उनके बिना पार्टी नहीं जीत पाएगी। जोगिंद्रनगर में ठाकुर गुलाब सिंह के समर्थकों की संख्या बहुत ज्यादा है इसलिए अगर आने वाले विधानसभा चुनावों में उनको टिकट नहीं मिलता तो वह आज़ाद उम्मीदवार के तौर पर भी चुनाव लड़ सकते है ।
कांग्रेस से किसको हरी झंडी मिलेगी यह कुछ समय की बात है लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार अभी से अपनी अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए कोई कसर नही छोड़ रहे है। जोगिंद्रनगर के नेरघरवासड़ा वार्ड से ठाकुर गुलाब सिंह के पुत्र को हराकर जिला परिषद का चुनाव जीतने वाले व वर्तमान जोगिंद्रनगर ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष जीवन ठाकुर ने जोगिंद्रनगर विधानसभा से टिकट पाने के लिए जनसंपर्क जोरशोर से आरंभ कर दिया है। जीवन ठाकर पिछले लगभग 6 महीने से हर तरह का प्रयास कर रहे है लेकिन अभी तक हाईकमान से हरी झंडी नही मिलने पर जीवन ठाकुर की दावेदारी हवा में उडती नजर आ रही है। वही दूसरी तरफ ब्लॉक कांग्रेस जोगिंद्रनगर की उपाध्यक्ष तुलाह निवासी श्रीमती बिमला चौहान भी सोशल मीडिया के माध्यम से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी है हालाँकि उन्होंने आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा नहीं की है।
दूसरी तरफ लडभड़ोल तहसील के गोलवां निवासी प्रसिद्ध व्यवसायी व समाजसेवी प्रकाश राणा ने जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। प्रकाश राणा के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद लडभड़ोल में उनके समर्थक काफी उत्साहित हैं। प्रकाश राणा पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।
प्रकाश राणा कांग्रेस में हो सकते है शामिल
लडभड़ोल में यह चर्चा जोरों पर है कि प्रकाश राणा कांग्रेस में शामिल हो सकते है। प्रकाश राणा और कांग्रेस के स्थानीय नेताओ के बीच बातचीत की चर्चा इस बात का संकेत दे रही है कि जोगिंद्रनगर से कांग्रेस प्रकाश राणा को अपना प्रत्याशी बना सकती है हालाँकि अभी इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस खुद के जाल में फंसती नजर आ सकती है क्योंकि सब दावेदारों को जोगिंद्रनगर से उतारने का लॉलीपाप देकर बाद में दावेदारो के अरमानो पर पानी फेरने से दावेदार दूसरी पार्टी में जा सकते है। इस बात को लेकर स्थानीय नेता काफी कशमाकश में है।
अगर कांग्रेस प्रकाश राणा को जोगिंद्रनगर से प्रत्याशी घोषित करती है तब शायद कांग्रेस के जीवन ठाकुर व उनके समर्थक पार्टी का विरोध करते नजर आ सकते है। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि कांग्रेस खुद के बुने जाल में फसती नजर आ रही है। प्रकाश राणा के लिए यह चुनावी राह आसान नहीं है। क्योंकि छोटे मेाटे आंदोलन करके और मीडिया में अपना नाम चमकाने और फोटो छपवाने से लोकप्रियता तो मिल सकती है लेकिन वो चुनाव जीतने की गारंटी नहीं हो सकती है।
भाई का फायदा उठा सकते है पंकज जम्वाल
अगर बीजेपी की बात की जाये तो मंडी जिला भाजपा के महांमत्री पंकज जम्वाल अपने बड़े भाई अजय जम्वाल की संघ में राजनीतिक पृष्ट भूमि के सहारे जोगिंद्रनगर विधानसभा का टिकट मांग सकते है। इन्ही नजदीकियों का लाभ उठाकर पंकज जम्वाल ने हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के पालमपुर दौरे के दौरान मुलाकात कर टिकट झटकने के प्रयास किया है। पंकज जम्वाल भी अब जोगिंद्रनगर में सक्रिय होकर खुद को भाजपा का सबसे मजबूत प्रत्याशी के रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे है।
पंकज जम्वाल ने आज तक कभी कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है। अगर एक बार पंकज जम्वाल को टिकट मिलने की इस अनहोनी बात को स्वीकार भी कर लिया जाए तो जहां तक चर्चा है उसको देखकर तो यही कहा जा सकता है कि भाजपा पंकज जम्वाल को लाकर शायद जीता नहीं पाएगी।
देखा जाये तो पंकज जम्वाल ने अभी तक ऐसा कोई भी काम नहीं किया है जिससे उन्हें भाजपा के टिकट का दावेदार माना जाये। वह सिर्फ अपने भाई की संघ पृष्टभूमि के संबंधों की ताकत के दम पर टिकट लेने में लगे हुए हैं। अगर कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ करके भाजपा जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र से पंकज जम्वाल को टिकट मिलता है तो जोगिंद्रनगर भाजपा के कार्यकर्ता पार्टी से नाराज हो सकते है।
संजीव शर्मा हो सकते है गुलाब सिंह के विकल्प
राजनितिक पृष्टभूमि की बात की जाये तो दलेड़ वार्ड से जिला परिषद संजीव शर्मा भाजपा के लिए बेहतर उम्मीदवार साबित हो सकते है। संजीव शर्मा लगातार 4 बार पंचायत चुनाव जीत चुके है। पिछले वर्ष ही उन्होंने लडभड़ोल के दलेड़ वार्ड से जिला परिषद सदस्य के चुनाव के लिए अन्य 14 उमीदवारों की जमानत जब्त करवा दी थी और लगभग 1200 वोटों से जीत दर्ज़ की थी।
संजीव शर्मा का जन्म फरवरी 1969 में हुआ था। 1992 में बैजनाथ कॉलेज से स्नातक की डिग्री लेने वाले संजीव शर्मा शुरू से ही ABVP के साथ जुड़े हुए थे। वर्तमान में संजीव शर्मा जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के अकेले जिला परिषद सदस्य है। वह कर्नल जम्वाल से लेकर ठाकुर गुलाब सिंह व रामस्वरूप शर्मा को जीत दिलाने में वह अहम भूमिका निभाते आये है लेकिन पार्टी ने अभी तक सिर्फ नज़रअंदाज़ ही किया है। अगर चेहरे बदलने के फार्मूले पर ही चुनाव लड़ा गया तो लडभड़ोल क्षेत्र से संजीव शर्मा कई मामलों में पंकज जम्वाल से बेहतर साबित हो सकते है।
लडभड़ोल व चौंतड़ा ब्लॉक की 40 पंचायतों के लोग भी इस बार लडभड़ोल से कोई प्रतयाशी देखना चाहते है। अगर प्रकाश राणा या संजीव शर्मा को को कांग्रेस या भाजपा का टिकट मिलता है तो इस बार हमे लडभड़ोल से MLA देखने को मिल सकता है। संजीव शर्मा ने भी चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए है।
जोगिंद्रनगर भाजपा के लिए बुरी खबर यह है कि कार्यकर्ता टिकट वितरण से खुश नहीं हुए तो वे लोकसभा चुनाव जितना उत्साह विधानसभा चुनाव में नहीं दिखाएंगे। अगर भाजपा के केंद्रीय स्तर के नेता जो टिकट बांटने में सक्षम है उनके द्वारा गलत फेहमी का शिकार होकर ऐसे कार्यकर्ताओं को नज़रअंदाज़ करके किसी अन्य को टिकट दिए गए तो भाजपा का पंजाब जैसा हाल हिमाचल में भी हो सकता है।
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22 October 2015
FLASH : जोगिंद्रनगर में टिकट के लिए मारामारी, जिला परिषद संजीव शर्मा ने भी जताई दावेदारी
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