लडभड़ोल : प्रकृति ने लडभड़ोल को कई अनमोल तोहफों से नवाज़ा है इनमें ब्यास नदी और बिनवा भी एक है। कहने को तो जल ही जीवन है लेकिन जहाँ पर जल ही नहीं, वहाँ जीवन कैसा होगा, अगर इसका अनुमान आप लगाना चाहते है तो आपको उपरली धार पंचायत के पतरैण गाँव में आना होगा। यह गाँव पिछले 40 सालों से पेयजल कि गंभीर समस्या से जुझ रहा है लेकिन इस गाँव की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
1 किलोमीटर दूर जाने पर मिलते है सिर्फ 2 बर्तन
लोगों का कहना है की गाँव से बाहर लगभग 1 किलोमीटर दूर एक पानी का स्त्रोत है, उसी स्त्रोत पर पूरे गाँव की जनता निर्भर है लेकिन अब गर्मिंयों में वहां भी सिर्फ एक या दो बर्तन पानी ही मिल रहा है। यह सोच कर आप हमारी परेशानी समझ सकते है कि भला हम अपना गुजर बसर कैसे करते हैं। क्योंकि पानी महज पीने के ही काम नहीं आता बल्कि खाना बनाने, कपड़ा धोने, नहाने से लेकर ऐसे सैकड़ों कार्य हैं, जिनसे हमारा दैनिक जीवन संचालित होता है।
नेता सिर्फ देते है आश्वासन
लोगों ने आरोप लगाया की पानी की समस्या के बारे में हमने कई बार नेताओं व अधिकारियों व कर्मचारियों अवगत कराया है मगर किसी के कान जूँ तक नहीं रेंगती। जब चुनाव आतें हैं तो नेता आश्वासन देते हैं पर चुनाव के बाद अपनी शक्ल तक नहीं दिखाते। अगर शीघ्र ही पेयजल समस्या का समाधान नहीं तो वह आने वाले विधानसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे।
जिला परिषद् जीवन ठाकुर ने किया पतरैण गाँव का दौरा
इस कड़ी में ब्लॉक कांग्रेस जोगिंद्रनगर के अध्यक्ष व जिला परिषद् जीवन ठाकुर ने पतरैण गाँव का दौरा किया और लोगों की समस्याओं को सुना। जीवन ठाकुर ने कहा की अभी हमारे पास इतनी पावर तो नहीं है फिर भी लोगों की इस समस्या को दूर करने के लिये भरपूर प्रयास करेंगें तथा SDM जोगिंदर नगर से भी इस समस्या के समाधान के लिये आग्रह करेंगे।
लडभड़ोल केकई गाँव में है यह समस्या
सिर्फ पतरैण ही नहीं लडभड़ोल के कई गाँव के लोगों के पास पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं है। केन्द्र एवं राज्य सरकार की शुद्ध पेयजल और जल संरक्षण योजनाएँ केवल बजट एवं घोषणाओं में ही अधिक दिखती है। इन योजनाओं को ज़मीन पर उतारने की ज़रूरत है ताकि लडभड़ोल जैसे दूरदराज़ क्षेत्रों के लोगों को कम से कम पीने का साफ पानी तो उपलब्ध हो जाए।
22 October 2015
बिना पानी जीवन कैसा होता है ? पता करना है तो आओ उपरली धार पंचायत के पतरैण गांव
loading...
Post a Comment Using Facebook